श्री जोगमाया गढ़ मंदिर बाड़मेर | Shri Jogmaya Garh Mandir Barmer
श्री जोगमाया गढ़ मंदिर, राजस्थान के बाड़मेर में स्थित एक प्राचीन और पवित्र मंदिर है, जो माता जोगमाया (देवी दुर्गा का एक …
श्री जोगमाया गढ़ मंदिर, राजस्थान के बाड़मेर में स्थित एक प्राचीन और पवित्र मंदिर है, जो माता जोगमाया (देवी दुर्गा का एक …
श्रीमद्भागवत गीता का चौदहवाँ अध्याय “गुण त्रय विभाग योग” कहलाता है। यह अध्याय मानव स्वभाव को प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख गुणों – सत्त्व, …
रानी भटियानी मंदिर, राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल गाँव में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। मंदिर माता रानी भटियानी (स्वरूप …
श्रीमद्भागवत गीता का तेरहवां अध्याय “क्षेत्र क्षेत्रज्ञ विभाग योग” कहलाता है। इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण आत्मा (क्षेत्रज्ञ), शरीर (क्षेत्र), परमात्मा और सच्चे ज्ञान …
श्रीखेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ, राजस्थान के बाड़मेर जिले के आसोतरा गाँव में स्थित एक पवित्र धार्मिक स्थल है, जो भगवान ब्रह्मा और उनकी …
श्रीमद्भागवत गीता का बारहवाँ अध्याय “भक्तियोग” कहलाता है। जिसमें भक्ति के माध्यम से ईश्वर की प्राप्ति की सरल और प्रभावशाली विधि बताई गई है। …
राजस्थान के बाड़मेर जिले में बसे किराड़ू मंदिर, इतिहास और रहस्य का एक अनूठा संगम हैं। इन्हें “राजस्थान का खजुराहो” कहा जाता …
जालौर, राजस्थान का एक ऐतिहासिक जिला, अरावली पर्वतमाला और जवाई नदी के किनारे बसा हुआ है। प्राचीन काल में ‘जाबालीपुर’ के नाम …
राजस्थान के जालौर जिले के मांडवला गांव में स्थित जहाज मंदिर एक अनूठा जैन तीर्थस्थल है, जो अपनी नाव के आकार की …
श्रीमद्भागवत गीता का ग्यारहवें अध्याय “विश्वरूप दर्शन योग” कहलाता है। इस इस ग्रंथ के सबसे रहस्यमय और अद्भुत अध्यायों में से एक …