श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 5: कर्म संन्यास योग | Bhagwat Geeta Chapter 5
श्रीमद्भागवत गीता का पांचवा अध्याय “कर्म संन्यास योग” कहलाता है। यह अध्याय कर्मयोग और संन्यास योग के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर …
श्रीमद्भागवत गीता का पांचवा अध्याय “कर्म संन्यास योग” कहलाता है। यह अध्याय कर्मयोग और संन्यास योग के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर …
माउंट आबू, राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन, न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत जलवायु के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ स्थित …
राजसमंद, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, झीलों और मंदिरों के लिए जाना जाता है। …
सारणेश्वर महादेव मंदिर, सिरोही, राजस्थान में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो सिरणवा पहाड़ियों की तलहटी में शहर के केंद्र में …
श्रीमद्भागवत गीता का चौथा अध्याय “ज्ञान कर्म संन्यास योग” कहलाता है। यह अध्याय कर्मयोग और ज्ञानयोग के बीच संतुलन स्थापित करते हुए यह सिखाता …
राजस्थान के सिरोही जिले में अरावली पर्वतमाला की गोद में बसा माउंट आबू न केवल एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, बल्कि जैन …
उदयपुर, जिसे “झीलों का शहर” और “पूर्व का वेनिस” कहा जाता है, राजस्थान का एक खूबसूरत शहर है। यह न केवल अपनी …
श्रीमद्भागवत गीता का तीसरा अध्याय “कर्म योग” कहलाता है। यह मानव जीवन में कर्म के महत्व और निष्काम कर्म की अवधारणा को स्पष्ट करता …
श्रीमद्भागवत गीता का दूसरा अध्याय “सांख्य योग” कहलाता है। यह गीता का आधारभूत अध्याय माना जाता है। “सांख्य” शब्द का अर्थ है ज्ञान या …
राजस्थान की पवित्र भूमि अपने प्राचीन मंदिरों और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व भर में विख्यात है। पाली शहर में स्थित सोमनाथ …