अंजनी माता मंदिर राजस्थान के चुरू जिले के सालासर में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो भगवान हनुमान की माता अंजनी को समर्पित है। यह मंदिर प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर से मात्र 1 से 2 किलोमीटर दूर स्थित है, जो इसे भक्तों के लिए एक पूरक तीर्थ स्थल बनाता है।
अंजनी माता मंदिर सालासर चुरू (Anjani Mata Mandir Salasar Churu)
मंदिर का नाम:- | अंजनी माता मंदिर (Anjani Mata Mandir) |
स्थान:- | सालासर, चुरू, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | माता अंजनी (हनुमान जी की माता) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | हनुमान जयंती |
अंजनी माता मंदिर सालासर चुरू का इतिहास
अंजनी माता मंदिर की स्थापना एक गहन आध्यात्मिक कहानी से जुड़ी हुई है, जो सालासर बालाजी मंदिर की उत्पत्ति से लगभग दो शताब्दियों बाद घटित हुई थी। इस मंदिर के संस्थापक पंडित पन्नारामजी भजनी (पारीक) थे। उनकी व्यक्तिगत यात्रा ने इस मंदिर की नींव रखी। युवावस्था में अपनी पत्नी के निधन के बाद, पन्नारामजी ने आध्यात्मिक सांत्वना की तलाश में अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
वे प्रयाग चले गए, जहाँ उन्होंने गंगा के तट पर ध्यान और पूजा-अर्चना में लंबा समय बिताया था। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर, हनुमानजी ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए और उन्हें सालासर धाम वापस जाने का निर्देश दिया था। इस दैवीय निर्देश के बाद, पन्नारामजी सालासर लौटे थे। सालासर धाम में वह परोपकारी भावना से प्रेरित होकर पथिकों को शीतल जल पिलाकर उनकी थकान को मिटाने लगे। साथ ही वे अंजनीनन्दन व अंजनीमाता की सेवा भक्तिभाव से करते हुये उनके ही ध्यान में निमग्न रहने लगे।
सन् 1963 में सीकर नरेश ने पन्डित जी के कहे अनुसार मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया था। अंजनी माता मंदिर की विशेष प्रसिद्धि सुहागन स्त्रियों और नवविवाहितों की मनोकामना सिद्धि लिए है।
अंजनी माता मंदिर सालासर चुरू की वास्तुकला और संरचना
अंजनी माता मंदिर सामान्य राजस्थानी शैली में बना हुआ है। मंदिर के गर्भगृह अंजनी माता की मूर्ति स्थापित है। यह मूर्ति अंजनी माता को उनके चार-भुजाओं वाले स्वरूप में दर्शाती है। उनके हाथों में शंख और एक सुहाग-कलश है। यह चतुर्भुजी स्वरूप देवी शक्ति का प्रतीक है। हालांकि, मूर्ति की सबसे अनूठी विशेषता यह है कि इसमें माँ अंजनी की गोद में बाल हनुमान विराजमान हैं।

मंदिर परिसर में अंजनी माता मंदिर के सामने राम जानकी मंदिर और महादेवजी का मंदिर बना हुआ है।
अंजनी माता मंदिर सालासर चुरू धार्मिक मान्यताएं और महत्व
अंजनी माता की प्रतिमा में मातृ-प्रेम (बाल हनुमान) और वैवाहिक सुख (सुहाग-कलश) का संयोजन है, जो इसे विशेष रूप से विवाहित महिलाओं और नवविवाहित जोड़ों के लिए प्रासंगिक बनाता है। यही कारण है कि यह मंदिर एक विशिष्ट प्रार्थना स्थल के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। सुहागन स्त्रियाँ यहां अपने वैवाहिक और पारिवारिक जीवन की सफलता के लिए नारियल और सुहाग-चिन्ह चढ़ाती हैं।
नवविवाहितों के लिए मंदिर में पहला विवाह निमंत्रण पत्र देने की परंपरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसके पीछे की मान्यता यह है कि अंजनी माता की कृपा से न केवल विवाह सफल होगा, बल्कि नवविवाहितों को सभी प्रकार का सुख और समृद्धि भी प्राप्त होगी। अंजनी माता मंदिर के आध्यात्मिक महत्व का केंद्र यह विश्वास है कि जो भक्त सालासर बालाजी और उनकी माँ अंजनी दोनों की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
अंजनी माता मंदिर में वर्ष भर कई धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं, जिनमें दो प्रमुख वार्षिक मेले सबसे महत्वपूर्ण हैं। ये मेले चैत्र और आसोज (आश्विन) महीनों में आयोजित होते हैं।
अंजनी माता मंदिर सालासर चुरू तक कैसे पहुँचें?
मंदिर का स्थान: अंजनी माता का मंदिर राजस्थान के चुरू के सालासर में स्थित है। यह सालासर बालाजी मंदिर से 1 से 2 किलोमीटर दूर है।
मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:
- हवाई मार्ग: जयपुर हवाई अड्डा (Jaipur Airport) मंदिर से लगभग 184 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
- रेल मार्ग: अंजनी माता मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन सुजानगढ़ रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 26 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: मंदिर चुरू से लगभग 75 किलोमीटर दूर है। यात्री टैक्सी, बस या अन्य सड़क परिवहन सेवाएँ लेकर चुरू पहुँच सकते हैं। चुरू पहुँचने के बाद आप स्थानीय टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या बस से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।