नालदेश्वर महादेव मंदिर अलवर: इतिहास, वास्तुकला, संरचना और मंदिर तक कैसे पहुंचे

नालदेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के अलवर शहर से लगभग 24 किलोमीटर दक्षिण दिशा में स्थित है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह अरावली पर्वतमाला की सघन वादियों में, सरिस्का टाइगर रिजर्व और अलवर-जयपुर राजमार्ग के निकट स्थापित है। यह स्थल न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र है, बल्कि साहसिक पर्यटन (Trekking) के शौकीनों और प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक विशेष आकर्षण रखता है।

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नालदेश्वर महादेव मंदिर अलवर (Naldeshwar Mahadev Temple Alwar)

मंदिर का नाम:-नालदेश्वर महादेव मंदिर (Naldeshwar Mahadev Temple)
स्थान:-अलवर, राजस्थान (अरावली पहाड़ियों में, सरिस्का-अलवर राजमार्ग पर)
समर्पित देवता:-भगवान शिव
निर्माण वर्ष:-ज्ञात नही (प्राचीन मंदिर)
प्रसिद्ध त्यौहार:-महाशिवरात्रि, सावन

नालदेश्वर महादेव मंदिर अलवर का इतिहास

नालदेश्वर मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है, विशेष रूप से महाभारत की कथा से। किंवदंती के अनुसार राजा नल (महाभारत में वर्णित) ने एक बार भगवान शिव का अपमान किया था परिणामस्वरूप, उन्हें देवता से एक असाध्य त्वचा रोग का श्राप मिला था। राजा नल ने इसी स्थल पर आकर शिव की क्षमा याचना और कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें इस स्थान पर स्थित प्राकृतिक झरने या कुंड में स्नान करने का निर्देश दिया था। राजा ने दिव्य निर्देश का पालन किया और चमत्कारिक रूप से अपनी बीमारी से ठीक हो गए। इस घटना से मंदिर का नाम “नालदेश्वर” पड़ा था।

18वीं शताब्दी में इस प्राकृतिक शिवलिंग और गुफा की सुरक्षा के लिए मंदिर का निर्माण किया गया था, जो राजस्थान की धार्मिक परंपराओं को दर्शाता है। यह स्थान सदियों से श्रद्धालुओं का केंद्र रहा है। नालदेश्वर महादेव मंदिर को नालदेश्वर तीर्थस्थल के नाम से भी जाना जाता है।

नालदेश्वर महादेव मंदिर अलवर की वास्तुकला और संरचना

नालदेश्वर महादेव मंदिर का स्थापत्य मुख्य रूप से इसकी प्राकृतिक गुफा और 18वीं शताब्दी की ऊपरी संरचना के संयोजन पर आधारित है। मंदिर का केंद्रीय स्वरूप एक गुफा है, जिसके भीतर भगवान शिव का एक स्वयंभू या प्राकृतिक शिवलिंग प्रतिष्ठित है। स्थानीय मान्यता है कि यह शिवलिंग चट्टान से स्वतः प्रकट हुआ है। गुफा के अंदर शिव परिवार की अन्य प्रतिमाएं भी स्थापित हैं।

नालदेश्वर महादेव मंदिर अलवर की गुफा में स्थित स्वयंभू शिवलिंग और शिव परिवार की अन्य प्रतिमाएं
नालदेश्वर महादेव मंदिर अलवर की गुफा में स्थित स्वयंभू शिवलिंग और शिव परिवार की अन्य प्रतिमाएं

मंदिर तक पहुंचने के लिए चट्टानी रास्ता और सीढ़ियां हैं। यह क्षेत्र प्राकृतिक झरनों और छोटी नदियों (Rivulets) से युक्त है, जो ऊँची चट्टानों से गिरते हैं।

नालदेश्वर महादेव मंदिर अलवर तक कैसे पहुँचें?

मंदिर का स्थान: नालदेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के अलवर शहर से लगभग 24 किलोमीटर दूर स्थित है।

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Naldeshwar Mahadev Temple Alwar Google Map Location:

मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:

  • हवाई मार्ग: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट मंदिर से लगभग 160 से 170 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके अलवर शहर तक पहुँच सकते हैं। अलवर पहुंचने के बाद आप माधोपुर गांव तक पहुंचे, उसके बाद वहां से आपको मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है।
  • रेल मार्ग: मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन अलवर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके माधोपुर गांव तक पहुँच सकते हैं। उसके बाद वहां से आपको मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है।
  • सड़क मार्ग: मंदिर अलवर बस स्टैंड से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। आप टैक्सी, बस, या अन्य सड़क परिवहन सेवाएँ लेकर माधोपुर गांव तक पहुँच सकते हैं। उसके बाद वहां से आपको मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है।
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