ताड़केश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर के चौड़ा रास्ता पर स्थित एक प्रसिद्ध प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान महादेव को समर्पित है। इस मंदिर को तारकेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। जयपुर की स्थापना 1727 ईस्वी में हुई थी, परंतु ताड़केश्वर महादेव का अस्तित्व शहर की नींव रखे जाने से भी पहले का माना जाता है।
ताड़केश्वर महादेव मंदिर जयपुर (Tadkeshwar Mahadev Temple Jaipur)
| मंदिर का नाम:- | ताड़केश्वर महादेव मंदिर (Tadkeshwar Mahadev Temple) |
| स्थान:- | चौड़ा रास्ता (Chaura Rasta), जयपुर, राजस्थान |
| समर्पित देवता:- | भगवान महादेव (स्वयंभू शिवलिंग) |
| निर्माण वर्ष:- | जयपुर के स्थापना से पूर्व वर्तमान मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 1784 यानी 1727 ईस्वी में शुरू हुआ, जो 1758 ईस्वी में पूर्ण हुआ था। |
| प्रसिद्ध त्यौहार:- | महाशिवरात्रि, सावन मास |
ताड़केश्वर महादेव मंदिर जयपुर का इतिहास
ताड़केश्वर महादेव मंदिर की प्राचीनता मौखिक परंपराओं और स्थानीय जनश्रुतियों पर आधारित है, जिनके अनुसार यह स्वयंभू शिवलिंग महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा 1727 ईस्वी में शहर की स्थापना से भी पहले से यहाँ पर स्थित था। मंदिर का नामकरण इसके मूल भौगोलिक परिवेश से जुड़ा हुआ है। यह स्थान एक समय ताड़ के पेड़ों के घने वन से घिरा हुआ था। ताड़ के वृक्षों की बहुतायत के कारण ही यह शिव मंदिर ‘ताड़केश्वर महादेव’ कहलाया था।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, एक गाय नियमित रूप से एक विशेष स्थान पर स्वतः ही अपना सारा दूध विसर्जित कर देती थी। लोगों ने जब उस स्थान की खुदाई की, तो उन्हें वह काले पत्थर का स्वयंभू शिवलिंग मिला था। मंदिर का प्रारंभिक स्वरूप जयपुर शहर की स्थापना के दौरान निर्मित हुआ था। वर्तमान भव्य मंदिर की रूपरेखा जयपुर रियासत के दीवान और मुख्य वास्तुविद विद्याधर भट्टाचार्य द्वारा तैयार की गई थी। कुछ आधिकारिक अभिलेखों के अनुसार, वर्तमान संरचना का निर्माण विक्रम संवत 1784 यानी लगभग 1727 ईस्वी में किया गया था।
मंदिर परिसर में गोपनीय सुरंगें होने की मान्यता है, जो कथित तौर पर मंदिर को सिटी पैलेस से जोड़ती थीं । ये सुरंगें संकेत देती हैं कि शाही परिवार बिना किसी बाधा या सार्वजनिक विमर्श के सीधे दर्शन और पूजा के लिए मंदिर आता था।
ताड़केश्वर महादेव मंदिर जयपुर की वास्तुकला और संरचना
ताड़केश्वर महादेव मंदिर पारंपरिक राजस्थानी शैली में बना हुआ है, जो एक भव्य महल जैसा प्रतीत होता है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में काले पत्थर का स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, जहां भक्त दूध और जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। इसी गर्भगृह में एक नंदी की प्रतिमा भी स्थापित है। गर्भगृह के सामने एक सभा मंडप है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर पीतल (कांस्य) से बनी भगवान शिव के वाहन नंदी की एक विशाल और सुंदर प्रतिमा स्थापित है।


मंदिर परिसर में भगवान गणेश जी की एक मूर्ति प्रतिष्ठित है, जिनकी सूँड बाईं ओर (वाममुखी) मुड़ी हुई है। इस प्रतिमा के सामने भगवान गणेश के वाहन मूषक की प्रतिमा बनी हुई है। इस मंदिर परिसर में विश्वेश्वर जी मंदिर, शनिदेव मंदिर, हनुमान जी मंदिर भी मौजूद है। इसके अलावा मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं के विग्रह भी स्थापित हैं।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर जयपुर तक कैसे पहुँचें?
मंदिर का स्थान: ताड़केश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर के चौड़ा रास्ता पर स्थित है।
मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:
- हवाई मार्ग: सांगानेर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप ऑटो, टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
- रेल मार्ग: मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 4 से 5 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: मंदिर जयपुर बस स्टैंड से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। बस स्टैंड से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
