अक्षरधाम मंदिर राजस्थान के जोधपुर शहर के सूरसागर क्षेत्र के काली बेरी में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान श्री स्वामिनारायण को समर्पित है। इस मंदिर को बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा बनाया गया है। इस मंदिर का विशाल परिसर लगभग 42 बीघा में फैला हुआ है।
अक्षरधाम मंदिर जोधपुर (Akshardham Temple Jodhpur)
| मंदिर का नाम:- | अक्षरधाम मंदिर जोधपुर (Akshardham Temple Jodhpur) |
| अन्य नाम:- | स्वामीनारायण मंदिर जोधपुर |
| स्थान:- | काली बेरी, सूरसागर क्षेत्र, जोधपुर, राजस्थान |
| समर्पित देवता:- | भगवान श्री स्वामिनारायण |
| निर्माण वर्ष:- | निर्माण शुरू: 2018 उद्घाटन: 25 सितंबर 2025 निर्माण अवधि: 7 वर्ष |
| निर्माणकर्ता:- | बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (BAPS) उद्घाटनकर्ता: महंत स्वामी महाराज |
| प्रसिद्ध त्यौहार:- | दिवाली एवं अन्नकूट, जन्माष्टमी, स्वामिनारायण जयंती |
जोधपुर के अक्षरधाम मंदिर का इतिहास
जोधपुर अक्षरधाम मंदिर के निर्माण की योजना और विज़न बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (BAPS) के आध्यात्मिक नेतृत्व द्वारा विकसित किया गया था। मंदिर की आधारशिला फरवरी 2018 में रखी गई थी। इसके बाद, वर्षों की विस्तृत योजना और गहन पत्थर की नक्काशी का कार्य आरंभ हुआ। लगभग सात वर्षों की अवधि में यह परियोजना पूरी हुई थी।
मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद, भव्य उद्घाटन और ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ (प्रतिमा स्थापना) समारोह का आयोजन किया गया। यह ऐतिहासिक महोत्सव परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की उपस्थिति में 25 सितंबर, 2025 को संपन्न हुआ था। प्रतिष्ठा महोत्सव ने न केवल स्थानीय भक्तों को आकर्षित किया, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली। इस विराट उत्सव में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित कई उच्च स्तरीय राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया था।
जोधपुर के अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला और संरचना
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण केवल प्राकृतिक पत्थर से किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से प्रसिद्ध जोधपुर बलुआ पत्थर (जिसे ‘छीतर पत्थर’ या ‘चित्तर पत्थर’ भी कहा जाता है) का उपयोग हुआ है। जोधपुर अक्षरधाम मंदिर एक इंजीनियरिंग चमत्कार के रूप में खड़ा है क्योंकि इसके निर्माण में सीमेंट, मोर्टार, कंक्रीट या लोहे/स्टील का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया गया है। यह मंदिर पौराणिक और वैदिक तकनीक पर आधारित है, जहां पत्थरों को ‘इंटरलाक’ करके आपस में मजबूती से जोड़ा गया है।
अक्षरधाम परिसर कुल 42 बीघा (acres) क्षेत्र में फैला है, जिसमें न केवल मुख्य मंदिर, बल्कि बगीचे, फव्वारे, खुले स्थान और बच्चों के पार्क की योजनाएं भी शामिल हैं। मुख्य गर्भगृह में भगवान स्वामीनारायण की प्रतिमा स्थापित है।
जोधपुर के अक्षरधाम मंदिर तक कैसे पहुँचें?
मंदिर का स्थान: यह मंदिर राजस्थान के जोधपुर शहर के सूरसागर क्षेत्र के काली बेरी में स्थित है।
मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:
- हवाई मार्ग: जोधपुर हवाई अड्डा (Jodhpur Airport) मंदिर तक पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 17 से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप ऑटो रिक्शा, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
- रेल मार्ग: जोधपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर तक पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 14 से 16 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो रिक्शा, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: मंदिर जोधपुर बस स्टैंड के केंद्र से लगभग 14 से 15 किलोमीटर दूर है। जोधपुर राजस्थान के अन्य शहरों और पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और टैक्सी, बस, या अन्य सड़क परिवहन सेवाएँ आसानी से उपलब्ध हैं।
अक्षरधाम मंदिर जोधपुर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
जोधपुर में अक्षरधाम मंदिर सूरसागर के पास काली बेरी में मंगलनाथ रोड पर स्थित है।
