अमर सागर जैन मंदिर जैसलमेर | Amar Sagar Jain Temple Jaisalmer

अमर सागर जैन मंदिर, जैसलमेर के बाहरी इलाके में स्थित एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल है, जो भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। यह मंदिर अमर सागर झील के किनारे, लोद्रवा के दक्षिण में, जैसलमेर शहर से लगभग 7 किलोमीटर दूर बसा है। अपनी शांतिपूर्ण वातावरण और उत्कृष्ट जैन वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध, यह मंदिर जैन धर्म के अनुयायियों और वास्तुकला प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। जैसलमेर की सुनहरी रेगिस्तानी पृष्ठभूमि में स्थित यह मंदिर स्थानीय कारीगरी और जैन धर्म की आध्यात्मिकता का एक सुंदर संयोजन प्रस्तुत करता है।

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अमर सागर जैन मंदिर जैसलमेर (Amar Sagar Jain Temple Jaisalmer)

मंदिर का नाम:-अमर सागर जैन मंदिर (Amar Sagar Jain Temple)
स्थान:-अमर सागर झील के पास, लोद्रवा के दक्षिण, जैसलमेर, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान पार्श्वनाथ
निर्माण:-1928 ई. (सेठ हिम्मत राम बाफना द्वारा)
प्रसिद्ध त्यौहार:-महावीर जयंती, पर्युषण पर्व

अमर सागर जैन मंदिर जैसलमेर का इतिहास

अमर सागर जैन मंदिर का निर्माण 1928 ई. में पटवा सेठ हिम्मत राम बाफना द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर जैन समुदाय की भक्ति और जैसलमेर के व्यापारिक समृद्धि के प्रतीक के रूप में बनाया गया था। उस समय जैसलमेर सिल्क रूट पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था, और जैन व्यापारी, विशेष रूप से पटवा समुदाय, अपनी समृद्धि का उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के निर्माण में करते थे। अमर सागर जैन मंदिर, इसे आदेश्वर नाथ जैन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

मंदिर का निर्माण अमर सागर झील के किनारे हुआ, जो कभी जलाशय के रूप में उपयोगी थी, लेकिन अब सूख चुकी है। फिर भी, मंदिर की ऐतिहासिकता और आध्यात्मिक महत्व आज भी बरकरार है। अमर सागर परिसर, जिसमें झील और महल शामिल हैं, 17वीं शताब्दी में महारावल अमर सिंह द्वारा स्थापित किया गया था।

अमर सागर जैन मंदिर जैसलमेर की वास्तुकला और संरचना

अमर सागर जैन मंदिर जैसलमेर के बाहरी इलाके में, अमर सागर झील के किनारे बसा है, जो एक बार एक कृत्रिम जलाशय थी लेकिन अब सूख चुकी है। यह दो मंजिला मंदिर है और मंदिर का निर्माण पीले बलुआ पत्थर से किया गया है, जो जैसलमेर की प्राकृतिक संपदा का उपयोग करता है और मंदिर को रेगिस्तानी वातावरण के अनुकूल बनाता है। इस पत्थर का उपयोग मंदिर को सुनहरे रंग का आकर्षक रूप देता है, विशेष रूप से सूर्य की रोशनी में।

अमर सागर जैन मंदिर, माउंट आबू के प्रसिद्ध दिलवाड़ा जैन मंदिरों की स्थापत्य शैली से गहराई से प्रेरित है। मंदिर की दीवारों, स्तंभों, छतों और गुंबदों पर की गई बारीक नक्काशी इसकी पहचान है। गर्भगृह में भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति स्थापित है।

अमर सागर जैन मंदिर जैसलमेर तक कैसे पहुँचें?

मंदिर का स्थान: अमर सागर जैन मंदिर राजस्थान के जैसलमेर के बाहरी इलाके में, अमर सागर झील के किनारे बसा है।

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अमर सागर जैन मंदिर, जैसलमेर तक पहुँचने के तरीके

  • हवाई मार्ग: हवाई मार्ग से अमर सागर जैन मंदिर तक पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जैसलमेर हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। जैसलमेर हवाई अड्डा दिल्ली, जयपुर, और जोधपुर जैसे प्रमुख शहरों से सीमित उड़ानों से जुड़ा है
  • रेल मार्ग: रेल मार्ग से अमर सागर जैन मंदिर तक पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन जैसलमेर रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 10 से 14 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: सड़क मार्ग अमर सागर जैन मंदिर तक पहुँचने का सबसे सुविधाजनक और लोकप्रिय तरीका है। जैसलमेर शहर से मंदिर की दूरी लगभग 10 से 15 किलोमीटर है।

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