बाड़मेर, राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा जिला, थार मरुस्थल के मध्य में बसा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है। प्राचीन काल में ‘मालाणी’ के नाम से जाना जाने वाला यह शहर 1552 में बहाड़ राव द्वारा स्थापित किया गया था। बाड़मेर के मंदिर हिंदू, जैन और लोक परंपराओं का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं, जो शक्ति, शिव, लोक देवता और जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं। ये मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि अपनी प्राचीन वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और स्थानीय मेलों के लिए पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं।
बाड़मेर के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से है? (Famous Temple in Barmer)
यहाँ पर बाड़मेर के प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिरो की लिस्ट (Barmer temple list) दी गई है:
किराड़ू मंदिर (Kiradu Temples)

मंदिर का नाम:- | किराड़ू मंदिर (Kiradu Temples) |
स्थान:- | किराड़ू गाँव, बाड़मेर जिला, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | यह मंदिर समूह पांच मंदिरों से मिलकर बना है, जिनमें प्रमुख मंदिर सोमेश्वर मंदिर (शिव को समर्पित) है। |
निर्माण वर्ष:- | 11वीं से 12वीं शताब्दी के बीच |
राजस्थान के बाड़मेर जिले में बसे किराड़ू मंदिर, इतिहास और रहस्य का एक अनूठा संगम हैं। इन्हें “राजस्थान का खजुराहो” कहा जाता है, क्योंकि इनकी जटिल नक्काशी और स्थापत्य शैली खजुराहो के मंदिरों से मिलती-जुलती है। यह पांच मंदिरों का समूह है, जिसमें सोमेश्वर मंदिर (शिव को समर्पित) सबसे प्रमुख है।
ये मंदिर न केवल अपनी स्थापत्य सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि एक रहस्यमयी श्राप की कहानी के कारण भी पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार, सूर्यास्त के बाद मंदिर परिसर में प्रवेश करना वर्जित है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहाँ रात में अलौकिक शक्तियाँ सक्रिय हो जाती हैं।
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श्रीखेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ (Shri Kheteshwar Brahmadham Teerth)

मंदिर का नाम:- | श्रीखेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ (Shri Kheteshwar Brahmadham Teerth) |
स्थान:- | आसोतरा गाँव, तहसील बालोतरा, जिला बाड़मेर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान ब्रह्मा और उनकी पत्नी सावित्री |
निर्माण वर्ष:- | मंदिर की नींव: 20 अप्रैल 1961 (विक्रम संवत 2018, वैशाख शुक्ल पंचमी) प्राण-प्रतिष्ठा: 6 मई 1984 (विक्रम संवत 2041, वैशाख शुक्ल पंचमी) |
निर्माता:- | संत श्री खेतारामजी महाराज |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | बरसी महोत्सव, खेतेश्वर जन्मोत्सव, महाशिवरात्री |
श्रीखेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ, राजस्थान के बाड़मेर जिले के आसोतरा गाँव में स्थित एक पवित्र धार्मिक स्थल है, जो भगवान ब्रह्मा और उनकी पत्नी सावित्री को समर्पित है। यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ब्रह्मा मंदिर है, जो पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर के बाद आता है, और एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ ब्रह्मा और सावित्री की संयुक्त प्रतिमाएँ स्थापित हैं। इस मंदिर को संत श्री 1008 खेतारामजी महाराज ने स्थापित किया था।
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रानी भटियानी मंदिर (Rani Bhatiyani Temple)

मंदिर का नाम:- | रानी भटियानी मंदिर (Rani Bhatiyani Temple) |
स्थान:- | जसोल गाँव, जिला बाड़मेर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | माता रानी भटियानी (माजीसा) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | नवरात्रि, वार्षिक मेला |
रानी भटियानी मंदिर, राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल गाँव में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। मंदिर माता रानी भटियानी (स्वरूप कँवर) को समर्पित है, जिन्हें स्थानीय लोग माजीसा के रूप में पूजते हैं। मंदिर का प्रबंधन श्री रानी भटियानी मंदिर संस्थान द्वारा किया जाता है।
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श्री जोगमाया गढ़ मंदिर (Shri Jogmaya Garh Mandir)

मंदिर का नाम:- | श्री जोगमाया गढ़ मंदिर (Shri Jogmaya Garh Mandir) |
स्थान:- | बाड़मेर फोर्ट के निकट, बाड़मेर शहर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | माता जोगमाया (देवी दुर्गा का रूप) |
निर्माण वर्ष:- | 16वीं शताब्दी के आसपास |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | नवरात्रि |
श्री जोगमाया गढ़ मंदिर, राजस्थान के बाड़मेर में स्थित एक प्राचीन और पवित्र मंदिर है, जो माता जोगमाया (देवी दुर्गा का एक शक्तिशाली रूप) को समर्पित है। यह मंदिर बाड़मेर के ऐतिहासिक गढ़ (किला) क्षेत्र के निकट होने के कारण क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जोगमाया माता को शक्ति, सुरक्षा, और समृद्धि की देवी माना जाता है, और यह मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के बीच गहरी आस्था का केंद्र है।
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देवका-सूर्य मंदिर (Devka-Sun Temple)

मंदिर का नाम:- | देवका-सूर्य मंदिर (Devka-Sun Temple) |
स्थान:- | देवका गाँव, तहसील शिव, जिला बाड़मेर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान सूर्य देव (सूर्यनारायण) |
निर्माण वर्ष:- | 12वीं-13वीं शताब्दी |
देवका-सूर्य मंदिर, राजस्थान के बाड़मेर जिले के देवका गाँव में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो सूर्य देव को समर्पित है। 12वीं-13वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर राजस्थान के प्रमुख सूर्य मंदिरों में से एक है और अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जो ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर से प्रेरित है। मरुस्थल के बीच शांत वातावरण में बसा यह मंदिर सूर्य देव के तेज और रेगिस्तानी शांति का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है।
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श्री नाकोड़ा जी जैन मंदिर (Nakoda Parshvanath Jain Temple)

मंदिर का नाम:- | श्री नाकोड़ा जी जैन मंदिर (Nakoda Parshvanath Jain Temple) |
स्थान:- | नाकोड़ा (मेवानगर), बाड़मेर राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान पार्श्वनाथ (23वें जैन तीर्थकर) |
निर्माण वर्ष:- | तीसरी शताब्दी |
श्री नाकोड़ा जी जैन मंदिर, राजस्थान के बाड़मेर जिले में नाकोड़ा गांव (मेवानगर) में स्थित एक प्राचीन और पवित्र जैन तीर्थ स्थल है, जो 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। यह मंदिर अपनी चमत्कारी मूर्ति, भैरवदेव के दर्शन, और 1500 फीट ऊँची पहाड़ी पर लूनी नदी के तट के पास बने मनोरम दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। जैन धर्म में यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ है, जो देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
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चिंतामणी पारसनाथ जैन मंदिर (Chintamani Parasnath Jain Temple)

मंदिर का नाम:- | चिंतामणी पारसनाथ जैन मंदिर (Chintamani Parasnath Jain Temple) |
स्थान:- | सादर रोड, बाड़मेर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान पार्श्वनाथ (23वें जैन तीर्थंकर) |
निर्माण वर्ष:- | 12वीं शताब्दी |
चिंतामणी पारसनाथ जैन मंदिर बाड़मेर, राजस्थान में स्थित एक प्राचीन और पवित्र जैन तीर्थ स्थल है, जो 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। बाड़मेर शहर के पश्चिमी बाहरी इलाके में एक पहाड़ी चट्टान पर बना यह मंदिर अपनी शानदार मूर्तियों, आभूषित चित्रों, और शीशे की जड़ाई के लिए प्रसिद्ध है। जैन धर्म में इसका विशेष महत्व है, क्योंकि यह भक्तों को आध्यात्मिक शांति और भक्ति का अनुभव प्रदान करता है। मरुस्थल के बीच पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के साथ पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।
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