बिड़ला मंदिर जयपुर: इतिहास, वास्तुकला, संरचना और मंदिर तक पहुंचने की जानकारी

बिड़ला मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर में मोती डूंगरी के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जानी जाती है। यह मंदिर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु (नारायण) को समर्पित है। यह मंदिर भारत भर में फैले बिड़ला मंदिरों की प्रतिष्ठित श्रृंखला का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसका निर्माण भारत के प्रसिद्ध औद्योगिक घराने, बिड़ला परिवार के परोपकारी विंग, बिड़ला फाउंडेशन द्वारा किया गया है।

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बिड़ला मंदिर जयपुर (Birla Temple Jaipur)

मंदिर का नाम:-बिड़ला मंदिर (Birla Temple)
स्थान:-मोती डूंगरी के पास, तिलक नगर, जयपुर, राजस्थान
समर्पित देवता:-देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु (नारायण)
निर्माण वर्ष:-1988 (निर्माण कार्य 1977 से प्रारंभ)
प्रसिद्ध त्यौहार:-दीपावली, जन्माष्टमी

बिड़ला मंदिर जयपुर का इतिहास

बिड़ला मंदिर का निर्माण 1977 में रामानुज दास और घनश्याम बिड़ला के निर्देशन में शुरू हुआ था। और लगभग आठ साल बाद 22 फरवरी 1988 को इसका उद्घाटन हुआ और इसे भक्तो के लिए खोला गया था। बिरला मंदिर जिस जमीन पर बना है, वह मूल रूप से जयपुर के राज परिवार की निजी संपत्ति थी। मंदिर के लिए ज़मीन जयपुर राजपरिवार ने मात्र 1 रुपये की प्रतीकात्मक राशि पर प्रदान की थी। यह लेन-देन किसी व्यावसायिक खरीद-फरोख्त के बजाय एक पवित्र उपहार (दान) का रूप है।

बिड़ला मंदिर जयपुर की वास्तुकला और संरचना

बिरला मंदिर की वास्तुकला आधुनिक शैली और प्राचीन हिंदू वास्तुकला, विशेषकर नागर शैली का एक आकर्षक मेल है। इसमें प्राचीन मंदिर निर्माण की शैली की झलक मिलती है। यह मंदिर पूरी तरह से सफेद संगमरमर (व्हाइट मार्बल) से निर्मित है। यह विशेष रूप से मकराना मार्बल है, जिसे विश्व भर में इमारती पत्थरों का सिरमौर माना जाता है।

मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मनमोहक मूर्तियाँ स्थापित है। गर्भगृह के अंदर मूर्ति के ठीक पीछे एक विशाल ‘ओम’ की आकृति बनी हुई है। मंदिर की दीवारों और परिक्रमा गलियारे में विस्तृत नक्काशी की गई है, जो विभिन्न हिंदू पौराणिक कथाओं को दर्शाती है। इनमें से प्रमुख चित्रणों में समुद्र मंथन, रामायण और राजसू यज्ञ शामिल हैं, जिन्हें बड़े पत्थरों पर उकेरा गया है।

बिरला मंदिर जयपुर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्तियां
बिरला मंदिर जयपुर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्तियां

मंदिर की बाहरी दीवारों पर विभिन्न धर्मों के महापुरुषों और संतों, जैसे गौतम बुद्ध, सुकरात, ईसा मसीह, और गुरु नानक देव और कई अन्य दार्शनिकों की दीवारों पर नक्काशी की गई है। इस मंदिर परिसर में सुव्यवस्थित गार्डन, पैदल मार्ग और फव्वारे शामिल हैं।

बिड़ला मंदिर जयपुर तक कैसे पहुँचें?

मंदिर का स्थान: बिरला मंदिर राजस्थान के जयपुर में मोती डूंगरी के पास स्थित है।

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Birla Mandir Jaipur Google Map Location:

मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:

  • हवाई मार्ग: सांगानेर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बिरला मंदिर से लगभग 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप ऑटो, टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  • रेल मार्ग: मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन बिरला मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: मंदिर जयपुर बस स्टैंड से लगभग 6 किलोमीटर दूर है। बस स्टैंड से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
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