चारभुजा मंदिर, राजस्थान के राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ तहसील के गढ़बोर गाँव स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप को समर्पित है और मेवाड़ के चार धाम में से एक माना जाता है। इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व इसे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाता है।
चारभुजा मंदिर कुंभलगढ़ की सामान्य जानकारी
मंदिर का नाम:- | चारभुजा मंदिर (Charbhuja Temple Kumbhalgarh) |
स्थान:- | गढबोर गाँव, कुंभलगढ़, राजसमंद, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान विष्णु (चारभुजा नाथ) |
निर्माण वर्ष:- | 1444 ईस्वी |
निर्माता:- | श्री गंग देव, बोर राजपूत परिवार से, महाराणा कुंभा के शासनकाल में |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | जन्माष्टमी, जलझूलनी एकादशी |
चारभुजा मंदिर कुंभलगढ़ का इतिहास
चारभुजा मंदिर कुंभलगढ़ का निर्माण 1444 ईस्वी में हुआ था, और इसे श्री गंग देव द्वारा बनवाया गया था, जो बोर राजपूत परिवार से थे और संभवतः मेवाड़ के महाराणा कुंभा (1433-1468 ईस्वी) के शासनकाल के दौरान एक स्थानीय नेता थे। किंवदंती है कि गंग देव को स्वप्न में भगवान विष्णु ने निर्देश दिया कि वे नदी के पानी से एक मूर्ति निकालें और उसे स्थापित करें। इस मूर्ति, जो 85 सेमी ऊँची है और शंख, चक्र, गदा, और कमल धारण करती है, को पांडवों द्वारा भी पूजा गया माना जाता है, जो इसे महाभारत काल से जोड़ता है।
गढ़बोर गाँव, जो पहले बद्री के नाम से जाना जाता था, को उत्तराखंड के प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर से जोड़ा जाता है, जैसा कि मंदिर के अंदरूनी शिलालेखों से पता चलता है। यह कनेक्शन मंदिर की पवित्रता और धार्मिक महत्व को बढ़ाता है, इसे मेवाड़ क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाता है।
मंदिर का इतिहास कई युद्धों से भरा है, जिनमें से कुछ का उल्लेख 125 से अधिक लड़ाइयों के रूप में किया गया है, जो इसकी रक्षा के लिए लड़े गए थे। यह संख्या संभवतः अतिशयोक्ति (बढ़ा चढ़ा कर बताना) हो सकती है, लेकिन यह दर्शाता है कि मंदिर को दुश्मनों से बचाने के लिए कई प्रयास किए गए थे। ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि मूर्ति को कई बार पानी में डुबोया गया था, संभवतः मध्यकालीन आक्रमणों, जैसे मुगल आक्रमणों, के दौरान इसे सुरक्षित रखने के लिए।
आज, चारभुजा मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। पास में कुंभलगढ़ किला, गोमती नदी, और सेवंत्री गाँव जैसे दर्शनीय स्थल हैं, जो यात्रा को और रोचक बनाते हैं।
चारभुजा मंदिर कुंभलगढ़ की वास्तुकला और संरचना
चारभुजा मंदिर, कुंभलगढ़ में स्थित, एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु के चार भुजाओं वाले रूप को समर्पित है। इसका निर्माण 1444 ईस्वी में श्री गंग देव द्वारा किया गया था। मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी शैली की उत्कृष्ट मिसाल है, जिसमें ऊँचा शिखर, गर्भगृह, और प्रवेश द्वार पर हाथियों की मूर्तियाँ हैं।
मुख्य द्वार सोने की परत से ढका हुआ है, और मूर्ति काले पत्थर से बनी है, जिसके स्वर्ण नयन हैं। मुख्य मूर्ति, श्री चारभुजा जी, 85 सेमी ऊँची है और भगवान विष्णु को चार भुजाओं के साथ दर्शाती है, जिसमें शंख, चक्र, गदा और कमल हैं। यह मूर्ति काले पत्थर से बनी है और स्वर्ण नयन (सोने की आँखें) से सजी है, जो भगवान विष्णु के प्रतीक हैं। पास में हनुमान मंदिर और एक बावड़ी भी मौजूद हैं, जो मंदिर परिसर की समग्रता को बढ़ाते हैं।
मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर, चूने के गारे और दर्पण कार्य से किया गया है। दर्पण कार्य विशेष रूप से अंदरूनी हिस्से में देखा जा सकता है, जो इसे शानदार और चमकदार बनाता है।
चारभुजा मंदिर कुंभलगढ़ तक कैसे पहुँचें?
मंदिर का स्थान: चारभुजा मंदिर, जो राजस्थान के राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ तहसील में गढ़बोर गाँव में स्थित है। मंदिर की दूरी उदयपुर से लगभग 112 किलोमीटर और कुंभलगढ़ से लगभग 32 किलोमीटर है। इस मंदिर तक पहुँचने के लिए विभिन्न परिवहन विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें हवाई, रेल और सड़क मार्ग शामिल हैं।
- हवाई मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा उदयपुर हवाई अड्डा (महाराणा प्रताप हवाई अड्डा) है, जो मंदिर से लगभग 112 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से उदयपुर शहर तक टैक्सी या बस से लगभग 20 किलोमीटर, 30 मिनट में पहुँचा जा सकता है। वहाँ से, आप मंदिर तक बस या टैक्सी ले सकते हैं।
- रेल मार्ग: सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन उदयपुर सिटी स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 112 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से, आप बस या टैक्सी से मंदिर तक पहुँच सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, फालना स्टेशन, जो कुंभलगढ़ से लगभग 80 किलोमीटर दूर है, भी एक विकल्प है। फालना से कुंभलगढ़ तक की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 84 किलोमीटर है, और फिर गढ़बोर गाँव तक 32 किलोमीटर अतिरिक्त, कुल मिलाकर मंदिर तक लगभग 112 किलोमीटर है।
- सड़क मार्ग: सड़क मार्ग से, उदयपुर से चारभुजा मंदिर तक सीधे बसें उपलब्ध हैं, जो गढ़बोर गाँव में बस स्टॉप पर पहुँचाती हैं। बस यात्रा लगभग 2 घंटे में पूरी होती है। अगर आपके पास अपनी गाड़ी है, तो उदयपुर से मंदिर तक की दूरी लगभग 112 किलोमीटर है, जो NH 48 और फिर स्थानीय सड़कों से होकर जाती है। मंदिर तक पहुंचने में लगभग 2-3 घंटे का समय लग सकता है, जो ट्रैफिक और रुकने के समय पर निर्भर करता है।