चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से है? | Famous Temple in Chittorgarh

राजस्थान का चित्तौड़गढ़ सिर्फ युद्ध, बलिदान और शौर्यगाथाओं के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ स्थित अनेक ऐतिहासिक मंदिर न केवल आस्था का केंद्र हैं, बल्कि राजपूतकालीन स्थापत्य कला के अनमोल उदाहरण भी हैं। चित्तौड़गढ़ किला और आसपास के क्षेत्रों में कई ऐसे मंदिर हैं जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। और इसे और मेवाड़ की पूर्व राजधानी के रूप में जाना जाता है। यह शहर अपने किले, महलों और मंदिरों के लिए विश्वविख्यात है।

चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से है? (Famous Temple in Chittorgarh)

यहाँ पर चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिरो की लिस्ट (Chittorgarh temple list) दी गई है:

समाधिश्वर मंदिर (Samadhishvara Temple)

समाधिश्वर मंदिर चित्तौड़गढ़ (Samadhishvara Temple Chittorgarh)
मंदिर का नाम:-समाधिश्वर मंदिर (Samadhishvara Temple)
स्थान:-चित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान शिव
निर्माण वर्ष:-11वीं शताब्दी (परमार राजा भोज द्वारा)
मुख्य आकर्षण:-त्रिमुखी शिव प्रतिमा
प्रसिद्ध त्यौहार:-महाशिवरात्रि और सावन में विशेष पूजा

चित्तौड़गढ़ किले के अंदर स्थित भगवान शिव को समर्पित समाधिश्वर मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है। स्थानीय लोग इसे प्यार से “अद्भुत-जी” भी कहते हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अपनी वास्तुकला और इतिहास के लिए भी प्रसिद्ध है।

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मीरा मंदिर (Meera Temple)

मीरा मंदिर चित्तौड़गढ़ (Meera Temple Chittorgarh)
मंदिर का नाम:-मीरा मंदिर चित्तौड़गढ़ (Meera Temple)
स्थान:-चित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
समर्पित देवता:-मीराबाई और भगवान श्रीकृष्ण
निर्माण वर्ष:-16वीं शताब्दी के आसपास
मुख्य आकर्षण:-भगवान कृष्ण और मीरा बाई की मूर्तियाँ
प्रसिद्ध त्यौहार:-मीरा महोत्सव (मीरा जयंती)

मीरा मंदिर, जो कृष्ण भक्त और कवयित्री मीराबाई और उनके प्रिय भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मनमोहक मूर्ति स्थित है, इसी मूर्ति के दाई ओर भक्त मीरा बाई की मूर्ति स्थित है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण के साथ मीरा बाई की भी पूजा की जाती है। यह मंदिर मीराबाई की अनन्य भक्ति और उनकी कविताओं की अमर विरासत का जीवंत साक्षी है।

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कालिका माता मंदिर (Kalika Mata Temple)

कालिका माता मंदिर चित्तौड़गढ़ (Kalika Mata Temple Chittorgarh)
मंदिर का नाम:-कालिका माता मंदिर (Kalika Mata Temple)
स्थान:-चित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
समर्पित देवी:-माता काली (मेवाड़ की कुलदेवी)
निर्माण वर्ष:-8वीं शताब्दी (सूर्य मंदिर के रूप में)
14वीं शताब्दी में कालिका माता मंदिर बना
मुख्य आकर्षण:-ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता ,प्राचीन वास्तुकला
प्रसिद्ध त्यौहार:-नवरात्रि, दुर्गा अष्टमी

कालिका माता मंदिर, जो माता काली को समर्पित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है। मंदिर चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित है। यह मंदिर मेवाड़ के राजपूत शासकों की कुलदेवी का स्थान है। यह मंदिर 8वीं या 9वीं शताब्दी में मेवाड़ के राजवंश के द्वारा सूर्य मंदिर के रूप में बनाया गया था, बाद में 14वीं शताब्दी में इसे कालिका माता मंदिर में परिवर्तित किया गया था।

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सांवरिया सेठ मंदिर मंडफिया (Sanwariya Seth Temple Mandafia)

सांवरिया सेठ मंदिर मंडफिया (चित्तौड़गढ़) [Sanwariya Seth Temple Mandafia (Chittorgarh)]
मंदिर का नाम:-सांवरिया सेठ मंदिर मंडफिया (Sanwariya Seth Temple Mandafia)
स्थान:-मंडफिया, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान श्रीकृष्ण (सांवलिया सेठ स्वरूप)
निर्माण वर्ष:-1840 (मूर्ति की खोज)
मुख्य आकर्षण:-कृष्ण मूर्ति
प्रसिद्ध त्यौहार:-जन्माष्टमी, जलझूलनी एकादशी, अन्नकूट

सांवरिया सेठ मंदिर, जो चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया गाँव में स्थित है। भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप सांवलिया सेठ को समर्पित यह मंदिर भक्ति, चमत्कार और समृद्धि का प्रतीक है। इसे वैष्णव संप्रदाय में श्रीनाथजी के बाद दूसरा प्रमुख धाम माना जाता है। व्यापारी सांवरिया सेठ को अपना “बिजनेस पार्टनर” मानते हैं, और भक्त इसे मनोकामनाएँ पूर्ण करने वाला मंदिर मानते हैं।

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आवरी माता मंदिर (Avari Mata Temple)

आवरी माता मंदिर आसावरा चित्तौडग़ढ़ (Avari Mata temple Bhadesar Chittorgarh)
मंदिर का नाम:-आवरी माता मंदिर (Avari Mata Temple)
स्थान:-आसावरा, भदेसर तहसील, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
समर्पित देवी :-आवरी माता
निर्माण वर्ष:-लगभग 750 वर्ष से अधिक पुराना (ऐतिहासिक अनुमान)
प्रसिद्ध त्यौहार:-नवरात्री, हनुमान जयंती

चित्तौड़गढ़ जिले के भदेसर तहसील में, अरावली पर्वत की तलहटी में बसा आवरी माता मंदिर एक ऐसा तीर्थस्थल है, जो भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे लकवा, पोलियो, और अन्य लाइलाज रोगों के उपचार के लिए चमत्कारी माना जाता है। इसे आसावरा माता (Asawara Mata Temple) के नाम से भी जाना जाता है।

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तुलजा भवानी मंदिर (Tulja Bhawani Temple)

तुलजा भवानी मंदिर चित्तौड़गढ़ (Tulja Bhawani Temple Chittorgarh)
मंदिर का नाम:-तुलजा भवानी मंदिर (Tulja Bhawani Temple)
स्थान:-राम पोल के पास, चित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
समर्पित देवता:-देवी तुलजा भवानी (दुर्गा का रूप)
निर्माण वर्ष:-16वीं शताब्दी
निर्माता:-महाराणा बनवीर
प्रसिद्ध त्यौहार:-नवरात्री

तुलजा भवानी मंदिर, चित्तौड़गढ़ किले के भीतर राम पोल के निकट स्थित है। यह मंदिर माता दुर्गा के त्वरिता (त्वर्या) स्वरूप, तुलजा भवानी को समर्पित है, जिन्हें शक्ति और विजय की देवी माना जाता है। मेवाड़ के राजवंश और स्थानीय लोगों के लिए यह मंदिर कुलदेवी के रूप में विशेष महत्व रखता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

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सतबीस देवरी मंदिर (Sathis Deori Temple)

सतबीस देवरी मंदिर चित्तौड़गढ़ (Sathis Deori Temple Chittorgarh)
मंदिर का नाम:-सतबीस देवरी मंदिर (Sathis Deori Temple)
स्थान:-चित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
समर्पित देवता:-जैन तीर्थंकर (आदिनाथ, शांतिनाथ, अजीतनाथ)
निर्माण वर्ष:-लगभग 11वीं शताब्दी में
प्रसिद्ध त्यौहार:-महावीर जयंती, पर्युषण

सतबीस देवरी मंदिर, चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित, जैन धर्म का एक प्राचीन और भव्य मंदिर है। इसका नाम “सतबीस” (27) इसकी 26 छोटी देवरियों (मंदिरों) और एक मुख्य मंदिर से प्रेरित है, जो एक साथ इस परिसर को बनाते हैं। यह मंदिर 10वीं शताब्दी का है और जैन तीर्थंकरों को समर्पित है, जिनमें आदिनाथ (ऋषभदेव), शांतिनाथ, और अजीतनाथ प्रमुख हैं।

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