देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर | Dev Somnath Temple Dungarpur

डूंगरपुर, राजस्थान का एक छोटा लेकिन ऐतिहासिक जिला, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। डूंगरपुर का देव सोमनाथ मंदिर एक ऐसा रत्न है जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि मध्यकालीन वास्तुकला और इतिहास का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और सोम नदी के किनारे बसा हुआ है। इसका निर्माण 12वीं सदी में हुआ था और यह आज भी अपनी भव्यता और रहस्यमयी कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। इसे ‘छोटा सोमनाथ’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी तुलना गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर से की जाती है।

देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर (Dev Somnath Temple Dungarpur)

मंदिर का नाम:-देव सोमनाथ मंदिर (Dev Somnath Temple)
स्थान:-देव गाँव, डूंगरपुर जिला, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान शिव (सोमनाथ रूप)
निर्माण वर्ष:-12वीं शताब्दी (लगभग 1100-1200 ईस्वी)
मुख्य आकर्षण:-प्राचीन वास्तुकला, सोम नदी का किनारा, शांत ग्रामीण परिवेश
प्रसिद्ध त्यौहार:-महाशिवरात्रि, सावन मास

देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 11वीं सदी में हुआ था, जब महमूद गजनवी ने 1025 ई. में सोमनाथ मंदिर को तोड़ दिया था। उस समय गुजरात से आए पुजारियों ने डूंगरपुर की सोम नदी के किनारे इस मंदिर की स्थापना की थी। हालाँकि, कुछ इतिहासकार इसे 12वीं सदी का भी बताते हैं, लेकिन ज्यादातर स्त्रोत 11वीं सदी की ओर इशारा करते हैं।

मंदिर का नाम इसके स्थान से लिया गया है – यह देव गाँव में स्थित है और पास में बहने वाली सोम नदी इसके नाम का दूसरा हिस्सा है। सोम नदी का नाम भगवान शिव से जुड़े “सोम” (चंद्रमा) से प्रेरित माना जाता है, जो इस मंदिर की पवित्रता को और बढ़ाता है।

ऐतिहासिक रूप से, यह मंदिर कई आक्रमणों और प्राकृतिक आपदाओं का साक्षी रहा है। मध्यकाल में इस क्षेत्र पर मुगल और अन्य आक्रांताओं के हमले हुए, जिसके कारण मंदिर को कुछ क्षति पहुँची। फिर भी, इसकी मूल संरचना आज भी बरकरार है, जो उस समय की निर्माण कला की मजबूती को दर्शाती है।

बाद में, डूंगरपुर के शासकों ने इसके जीर्णोद्धार में योगदान दिया। वर्तमान में, यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन है, जो इसके संरक्षण और रखरखाव की जिम्मेदारी संभालता है। मंदिर के शिलालेखों में कुछ ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख मिलता है, जो इसे मध्यकालीन राजस्थान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाते हैं।

देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर की वास्तुकला और संरचना

देव सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। यह मंदिर मालवा शैली में निर्मित है, जो उस समय के मध्य भारत की कला का प्रतिनिधित्व करती है। मंदिर तीन मंजिला है और 108 खंभों पर आधारित है, जो हिंदू धर्म में 108 की पवित्र संख्या को दर्शाता है।

इसका निर्माण पूरी तरह से पत्थरों से किया गया है, और आश्चर्यजनक रूप से इसमें चूने या गारे का उपयोग नहीं हुआ। इसके बजाय, पत्थरों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए क्लैंप तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जो इसे भूकंप प्रतिरोधी बनाती है।

मंदिर की संरचना तीन मंजिलों वाली है, जो हिंदू मंदिरों के लिए असामान्य है, क्योंकि अधिकांश मंदिर एक मंजिल के साथ शिखर से बने होते हैं। मंदिर में कुल 108 खंभे हैं, जो हिंदू धर्म में 108 की पवित्र संख्या को दर्शाते हैं। ये खंभे संभवतः तीनों मंजिलों में वितरित हैं, प्रत्येक मंजिल पर सभा मंडप या अन्य कक्षों का सपोर्ट करते हैं।

मंदिर के गर्भगृह में दो स्वयंभू (प्राकृतिक रूप से उत्पन्न) शिवलिंग स्थापित हैं, जो मंदिर को अनूठा बनाते हैं, क्योंकि अधिकांश शिव मंदिरों में एक मुख्य देवता होता है। मंदिर की संरचना संभवतः पारंपरिक हिंदू मंदिर डिज़ाइन का अनुसरण करता है, जिसमें प्रवेश द्वार, सभा मंडप, और गर्भगृह शामिल हैं, जो आमतौर पर हिंदू मंदिरों में पाया जाता है।

देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर तक कैसे पहुँचें?

मंदिर का स्थान: देव सोमनाथ मंदिर, जो राजस्थान के डूंगरपुर जिले में देव गाँव में सोम नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर डूंगरपुर शहर से लगभग 24 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है।

देव सोमनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए विभिन्न परिवहन विकल्प उपलब्ध है, जो इस प्रकार है:

  • हवाई मार्ग से पहुँच: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा (Dabok Airport) है, जो डूंगरपुर से लगभग 120 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से उदयपुर शहर तक टैक्सी या बस से लगभग 20 किलोमीटर, 30 मिनट में पहुँचा जा सकता है। वहाँ से, आप डूंगरपुर तक बस या टैक्सी ले सकते हैं। उदयपुर से डूंगरपुर की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है। डूंगरपुर पहुँचने के बाद, देव गाँव तक स्थानीय बस या टैक्सी से पहुँचा जा सकता है, जो लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर है।
  • रेल मार्ग: सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन डूंगरपुर रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 24 किलोमीटर दूर है और डूंगरपुर शहर में स्थित है। स्टेशन से, आप टैक्सी या स्थानीय बस से देव गाँव तक पहुँच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: सड़क मार्ग से आप बसों या अपने निजी वाहनों से डूंगरपुर शहर पहुंच सकते है, और वहां से देव सोमनाथ मंदिर, देव गाँव पहुंच सकते हो, जो डूंगरपुर शहर से लगभग 24 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है।

देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर के बारे मे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

  1. क्या सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर में स्थित है?

    हाँ, डूंगरपुर में देव सोमनाथ मंदिर स्थित है। यह भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है, जो सोम नदी के तट पर स्थित है। इसे गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है और यह अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है।

  2. देव सोमनाथ मंदिर कहां स्थित है?

    देव सोमनाथ मंदिर राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित है। यह सोम नदी के तट पर बना हुआ है।

  3. देव सोमनाथ मंदिर कितना पुराना है?

    देव सोमनाथ मंदिर को लगभग 1000 साल पुराना बताया जाता है। इसका निर्माण मुख्य रूप से 11वीं शताब्दी के आसपास में हुआ माना जाता है। कुछ स्रोतों के अनुसार इसका निर्माण 12वीं सदी में राजा अमृतपाल देव ने करवाया था।


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