गलता जी मंदिर जयपुर: इतिहास, वास्तुकला, संरचना और मंदिर तक पहुंचने की जानकारी

गलता जी मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। गलताजी मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित है और यह एक विशाल मंदिर परिसर है जिसमें कई मंदिर और कुंड स्थित हैं। इस स्थान को बंदरों की वजह से मंकी टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है।

इस तीर्थ का नामकरण महर्षि गालव के नाम पर हुआ है, जिनकी यह तपोस्थली है। धार्मिक ग्रंथों और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, गालव ऋषि ने इस स्थान पर अत्यंत कठोर तपस्या की थी। गालव ऋषि के सम्मान में ही यहाँ मंदिर का निर्माण किया गया और इसे ‘गलताजी’ नाम दिया गया था।

गलता जी मंदिर जयपुर (Galtaji Temple Jaipur)

मंदिर का नाम:-गलता जी मंदिर (Galtaji Temple Jaipur)
स्थान:-गलता जी, जयपुर जिला, राजस्थान
समर्पित देवता:-इस परिसर में विभिन्न मंदिर स्थित है।
निर्माण वर्ष:-15वीं शताब्दी से तपस्थल के रूप में अस्तित्व
मुख्य संरचना 18वीं शताब्दी में निर्मित
निर्माणकर्ता:-दीवान राव कृपाराम (महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के विश्वसनीय दरबारी)
प्रसिद्ध त्यौहार:-मकर संक्रांति, दीपावली, गणगौर, तीज

जयपुर के गलता जी मंदिर का इतिहास

गलता जी मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं का रोचक मिश्रण है। गलताजी को महर्षि गालव की गहन तपस्या के केंद्र के रूप में पहचाना जाता है। महर्षि गालव की भक्ति से प्रसन्न होकर देवताओं ने गंगा जी को स्वयं उनके आश्रम में प्रकट होने का वरदान दिया, जिससे इस स्थान को ‘गाल गंगा’ के रूप में पहचान मिली थी। यह जल एक प्राकृतिक झरने के रूप में गौमुख से शुद्ध और स्वच्छ रूप में कुंडों में लगातार बारह महीने बहता रहता है।

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मंदिर परिसर में सात पवित्र कुंड हैं। इनमें से ‘गलता कुंड’ को सबसे पवित्र माना जाता है और यह कभी नहीं सूखता है। इनमें डुबकी लगाने वाले हजारों श्रद्धालुओं को गंगा में स्नान करने के समान पुण्य प्राप्त होता है, जिससे उनके पापों का नाश होता है। ऐतिहासिक रूप से 15वीं शताब्दी में यह रामानंदी संप्रदाय का केंद्र बना। वर्तमान गलताजी मंदिर परिसर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। इस निर्माण का श्रेय जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के दरबारी दीवान राव कृपाराम को जाता है।

माना जाता है की महान संत गोस्वामी तुलसीदास ने इसी स्थान पर रहते हुए पवित्र रामचरितमानस के कुछ अंश लिखे थे। गलताजी धाम की प्राचीनता को प्रमाणित करने वाला एक अन्य चमत्कारी तत्व यहाँ जल रही अखंड ज्योत है। गलताजी के रामगोपाल मंदिर से बालाजी की कुटिया तक एक रास्ता जाता है, जहाँ हनुमान जी का वास माना जाता है। इसी कुटिया में 485 से 490 वर्षों से लगातार एक अखंड ज्योत जल रही है।

इस तीर्थ के प्रभाव को मुगल काल में भी स्वीकार किया गया था। यह उल्लेख मिलता है कि मुगल सम्राट अकबर ने इस तपोभूमि में प्रकट हुई हनुमान की प्रतिमा से एक मन्नत मांगी थी, जो एक माह में पूरी हो गई थी, जिसके बाद वह यहाँ नारियल चढ़ाकर गए थे।

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जयपुर के गलता जी मंदिर की वास्तुकला और संरचना

गलताजी मंदिर परिसर की एक विशिष्ट संरचना है, जो पारंपरिक मंदिर की शैली के बजाय एक भव्य महल या ‘हवेली’ जैसा दिखाई देता है। इस शानदार इमारत का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर में किया गया है। यह मंदिर चित्रित दीवारों, गोल छतों और नक्काशीदार स्तंभों से अलंकृत है।

मंदिर की दीवारों पर न केवल हिंदू देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, पार्वती, गणेश) की छवियां उकेरी गई हैं, बल्कि भगवान कृष्ण और गोपियों की रासलीला, उत्सवों, महाराजाओं के पोलो मैच, और राज्य के अवसरों को दर्शाने वाले भित्ति चित्र भी मौजूद हैं।

मुख्य गलताजी परिसर में ज्ञान गोपाल मंदिर, सीताराम मंदिर, हनुमान मंदिर और गलता गद्दी जैसे कई छोटे छोटे मंदिर बने है। इसके साथ ही यहां पर गालव ऋषि को समर्पित एक मंदिर भी बना हुआ है, जिसके गर्भगृह में गालव ऋषि के साथ के साथ भगवान ब्रह्मा, विष्णु, शिव पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है।

ज्ञान गोपाल जी मंदिर परिसर में श्रीमद जगत गुरु रामानुजाचार्य वेदांत गुरुकुल भी संचालित होता है। इसके अलावा मंदिर परिसर के एक ऊंचे पहाड़ पर भगवान सूर्य को समर्पित एक सूर्य मंदिर बना हुआ है, जहा से जयपुर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।

जयपुर के गलता जी मंदिर तक कैसे पहुँचें?

मंदिर का स्थान: गलता जी मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित है।

गलता जी मंदिर जयपुर लोकेशन (Galtaji Temple Jaipur Google Map Location):

मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:

  • हवाई मार्ग: सांगानेर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप ऑटो, टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  • रेल मार्ग: मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 13 से 14 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: मंदिर जयपुर बस स्टैंड से लगभग 12 से 13 किलोमीटर दूर है। बस स्टैंड से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।

गलताजी मंदिर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

  1. गलताजी मंदिर कहाँ स्थित है?

    गलता जी मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित है।

  2. गलता जी मंदिर जयपुर किस देवता को समर्पित है?

    गलता जी मंदिर मुख्य रूप से गालव ऋषि की तपोस्थली के लिए जाना जाता है, लेकिन इस परिसर में भगवान हनुमान जी, विष्णु, शिव, कृष्ण और सूर्य देवता को समर्पित मंदिर बने हुए है।

  3. गलता जी मंदिर में कितने कुंड हैं?

    गलता जी मंदिर में 7 कुंड हैं।

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