जालौर, राजस्थान का एक ऐतिहासिक जिला, अरावली पर्वतमाला और जवाई नदी के किनारे बसा हुआ है। प्राचीन काल में ‘जाबालीपुर’ के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र मेवाड़ और मारवाड़ की सीमा पर अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है। जालौर के मंदिर हिंदू और जैन परंपराओं का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं, जो शक्ति, शिव और जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं। ये मंदिर न केवल स्थानीय भक्तों के लिए आस्था के केंद्र हैं, बल्कि अपनी प्राचीन वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं।
जालौर के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से है? (Famous Temple in Jalore)
यहाँ पर जालौर के प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिरो की लिस्ट (Jalore temple list) दी गई है:
सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple)

मंदिर का नाम:- | सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) |
स्थान:- | सुंधा पर्वत, दंतवाड़ा गाँव, तहसील भीनमाल, जिला जालौर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | चामुंडा देवी (सुंधा माता) |
निर्माण वर्ष:- | संभवतः 11वीं या 12वीं शताब्दी के आसपास |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | नवरात्रि |
सुंधा माता मंदिर राजस्थान के जालौर जिले के सुंधा पर्वत पर स्थित एक प्राचीन मंदिर है। अरावली की पहाड़ियों पर लगभग 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर, चामुंडा देवी को समर्पित है और लगभग 900 वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। जालौर, राजस्थान की प्राचीन धरती पर बसा सुंधा माता मंदिर, न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि प्रकृति और इतिहास का अनूठा संगम भी है।
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सिरे मंदिर (Sire Mandir)

मंदिर का नाम:- | सिरे मंदिर (Sire Mandir) |
स्थान:- | कन्याचल (कनकाचल) पहाड़ी, जालौर शहर, जालौर जिला, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान शिव (रत्नेश्वर मंदिर), नाथ संप्रदाय की तपोभूमि |
निर्माण वर्ष:- | विक्रम संवत 1708 (1651 ईस्वी) |
निर्माता:- | राजा रतन सिंह |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | महाशिवरात्रि, सावन माह |
सिरे मंदिर, जालौर, राजस्थान का एक प्राचीन और ऐतिहासिक तीर्थस्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है और नाथ संप्रदाय की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। स्थानीय रूप से रत्नेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर कन्याचल (कनकाचल) पहाड़ी पर जालौर किले (स्वर्णगिरी दुर्ग) के पास स्थित है।
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क्षेमकरी माता मंदिर (Kshemkari Mata Temple)

मंदिर का नाम:- | क्षेमकरी माता मंदिर (Kshemkari Mata Temple) |
स्थान:- | भीनमाल, जिला जालौर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | क्षेमकरी माता (दुर्गा माता का अवतार) |
निर्माण वर्ष:- | प्राचीन मंदिर (सटीक तिथि अज्ञात, लोक मान्यताओं पर आधारित) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | नवरात्री |
राजस्थान के जालौर जिले के भीनमाल स्थित क्षेमकरी माता मंदिर एक प्रसिद्ध प्राचीन धार्मिक स्थल है, जो माता दुर्गा के अवतार क्षेमकरी माता को समर्पित है। और इसे खीमज माता के नाम से भी जाना जाता है। स्थानीय भाषाओं में क्षेमज, खीमज, खींवज आदि नामों से भी पुकारा और जाना जाता है।
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आशापुरी माता मंदिर (Ashapura Mata Temple)

मंदिर का नाम:- | आशापुरी माता मंदिर (Ashapura Mata Temple) |
स्थान:- | मोदरान, जालौर जिला, राजस्थान (मोदरान रेलवे स्टेशन के निकट) |
समर्पित देवता:- | आशापुरी माता (दुर्गा माता का अवतार), चौहान वंश की कुलदेवी |
निर्माण वर्ष:- | संभवतः 12वीं शताब्दी के आसपास |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | नवरात्रि |
राजस्थान के जालौर जिले के मोदरान कस्बे में बसा आशापुरी माता मंदिर एक प्राचीन तीर्थस्थल है। यह मंदिर माता दुर्गा के अवतार आशापुरी माता को समर्पित है, जिन्हें चौहान वंश की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। मोदरान रेलवे स्टेशन के निकट स्थित यह मंदिर न केवल भक्तों के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षक स्थल है।
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आपेश्वर महादेव मंदिर (Aapeshwar Mahadev Temple)

मंदिर का नाम:- | आपेश्वर महादेव मंदिर (Aapeshwar Mahadev Temple) |
स्थान:- | रामसीन, जालौर जिला, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान शिव (आपेश्वर महादेव) |
निर्माण वर्ष:- | विक्रम संवत 1318 (लगभग 1261 ई.) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | महाशिवरात्रि, सावन मास |
राजस्थान के जालौर जिले के रामसीन कस्बे में बसा आपेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन और पवित्र तीर्थस्थल है। यह मंदिर रामसीन रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है और स्थानीय समुदायों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।
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कैलाश धाम (Kailash Dham)

मंदिर का नाम:- | कैलाश धाम (Kailash Dham) |
स्थान:- | बिशनगढ़, जालौर जिला, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान शिव (72 फीट ऊँची शिव प्रतिमा) |
निर्माण वर्ष:- | 2010 |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | शिवरात्रि, श्रावण मास |
राजस्थान के जालौर जिले के बिशनगढ़ गांव में स्थित कैलाश धाम एक भव्य और पवित्र तीर्थस्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहाँ स्थापित 72 फीट ऊँची नीले रंग की शिव प्रतिमा है, जो 1 किलोमीटर की दूरी से भी दिखाई देती है। 35 बीघा में फैला यह परिसर अपनी विशालता, प्राकृतिक सौंदर्य और 12 ज्योतिर्लिंगों की अनूठी गुफा के लिए प्रसिद्ध है।
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जहाज मंदिर (Jahaj Mandir)

मंदिर का नाम:- | जहाज मंदिर (Jahaj Mandir) |
स्थान:- | मांडवला, जालौर जिला, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | शांतिनाथ प्रभु और अन्य जैन तीर्थंकर |
निर्माण वर्ष:- | 1993 में आधारशिला, 1999 में निर्माण पूर्ण |
मुख्य आकर्षण:- | जहाज की संरचना |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | महावीर जयंती, पर्युषण |
राजस्थान के जालौर जिले के मांडवला गांव में स्थित जहाज मंदिर एक अनूठा जैन तीर्थस्थल है, जो अपनी नाव के आकार की संरचना के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर जैन तीर्थंकरों को समर्पित है और भारत का पहला जहाज के आकार का मंदिर होने का गौरव रखता है। संगमरमर से निर्मित यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी वास्तुकला पर्यटकों को भी आकर्षित करती है।
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