जोधपुर, राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर, ‘सूर्य नगरी’ और ‘ब्लू सिटी’ के नाम से विश्वविख्यात है। 1459 में राव जोधा द्वारा स्थापित यह शहर मारवाड़ की पूर्व राजधानी रहा है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। जोधपुर के मंदिर हिंदू, जैन और लोक परंपराओं का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं, जो स्थानीय भक्तों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करते हैं। यहाँ के मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि अपनी प्राचीन वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
जोधपुर के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से है? (Famous Temple in Jodhpur)
यहाँ पर जोधपुर के प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिरो की लिस्ट (Jodhpur temple list) दी गई है:
महामंदिर जोधपुर (Mahamandir Jodhpur)

मंदिर का नाम:- | महामंदिर जोधपुर (Mahamandir Jodhpur) |
स्थान:- | महामंदिर रोड, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान शिव (महादेव) |
निर्माण वर्ष:- | 1804 ईस्वी |
निर्माता:- | महाराजा मानसिंह |
मुख्य आकर्षण:- | 100 कलात्मक खंभे/स्तंभ (16 स्तंभ गर्भगृह के और 84 स्तंभ शेष मंदिर) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | महाशिवरात्रि |
महामंदिर जोधपुर का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जो अपनी अनूठी वास्तुकला और नाथ संप्रदाय से संबंधित आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और जोधपुर की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 1812 में मारवाड़ के महाराजा मानसिंह द्वारा निर्मित, यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि राजस्थानी कला और शिल्पकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। अपनी भव्य संरचना और 100 कलात्मक खंभों के लिए जाना जाने वाला यह मंदिर पर्यटकों और भक्तों को समान रूप से आकर्षित करता है।
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चामुंडा माता मंदिर (Chamunda Mata Temple)

मंदिर का नाम:- | चामुंडा माता मंदिर (Chamunda Mata Temple) |
स्थान:- | मेहरानगढ़ किला, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | चामुंडा माता (देवी दुर्गा का रूप) |
निर्माण वर्ष:- | 1460 ईस्वी (विक्रम संवत 1517) |
निर्माता:- | राव जोधा |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | नवरात्रि और दशहरा |
चामुंडा माता मंदिर, जोधपुर के मेहरानगढ़ किले के दक्षिणी छोर पर स्थित एक प्राचीन और पवित्र धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी दुर्गा के उग्र रूप, चामुंडा माता को समर्पित है, जो जोधपुर के राजघराने की कुलदेवी और शहर के निवासियों की रक्षक मानी जाती हैं। 1460 ई. में राव जोधा द्वारा स्थापित, यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि राजस्थानी वास्तुकला और मारवाड़ के शाही इतिहास का भी प्रतीक है। विशेष रूप से नवरात्रि और दशहरा जैसे त्योहारों के दौरान, यहाँ हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।
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राज रणछोड़जी मंदिर (Raj Ranchhodji Temple)

मंदिर का नाम:- | राज रणछोड़जी मंदिर (Raj Ranchhodji Temple) |
स्थान:- | MG हॉस्पिटल रोड, सोजती गेट, रावतों का बास, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान श्रीकृष्ण (रणछोड़जी के रूप में) |
निर्माण वर्ष:- | विक्रम संवत 1952 (1895 ई.) |
निर्माता:- | रानी जाडेची राजकुंवर |
मुख्य आकर्षण:- | 30 फीट ऊँचा टीला, जटिल नक्काशी, भगवान श्रीकृष्ण की काले पत्थर की मूर्ति |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | जन्माष्टमी, अन्नकूट और गोवर्धन पूजा |
राज रणछोड़जी मंदिर जोधपुर, राजस्थान में भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर जोधपुर के सबसे पुराने कृष्ण मंदिरों में से एक है और अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। रानी जाडेची राजकंवर द्वारा निर्मित, यह मंदिर रणछोड़जी के नाम से प्रसिद्ध है, जो भगवान श्रीकृष्ण का एक रूप है, जिन्हें युद्ध के मैदान से भागने के कारण “रणछोड़” कहा गया था। मंदिर 30 फीट ऊँचे टीले पर बनाया गया है ताकि रानी मेहरानगढ़ किले से दर्शन कर सकें। यह मंदिर न केवल स्थानीय भक्तों के लिए, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है।
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अचल नाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple)

मंदिर का नाम:- | अचल नाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) |
स्थान:- | मेहरानगढ़ किले की तलहटी, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान शिव (स्वयंभू शिवलिंग) |
निर्माण वर्ष:- | 1531 ईस्वी |
निर्माता:- | रानी नानका देवी (राव गंगा की पत्नी) |
मुख्य आकर्षण:- | स्वयंभू पीला शिवलिंग, गंगा बावड़ी जलाशय, केवल नागा साधु द्वारा जल अर्पण |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | महाशिवरात्रि |
अचल नाथ शिवालय मंदिर, जोधपुर, राजस्थान में भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जोधपुर के सोदागरान मोहल्ले में मेहरानगढ़ किले की तलहटी में स्थित है और अपनी अनूठी विशेषता के लिए जाना जाता है, जहाँ स्वयंभू शिवलिंग पर केवल नागा साधु ही जल अर्पित कर सकते हैं, जबकि सामान्य भक्त केवल दर्शन कर मनोकामना पूर्ण करते हैं।
1531 ईस्वी में रानी नानक देवी द्वारा निर्मित, यह मंदिर अपनी भव्य राजस्थानी वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व, और आध्यात्मिक शक्ति के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है। मंदिर का नाम “अचल नाथ” इसकी स्वयंभू शिवलिंग की अचल (स्थिर) प्रकृति से प्रेरित है, जिसे स्थानांतरित करने के प्रयास असफल रहे थे। यह मंदिर जोधपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और पर्यटकों व भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
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गणेश मंदिर रातानाडा (Ganesh Temple Ratanada)

मंदिर का नाम:- | गणेश मंदिर रातानाडा (Ganesh Temple Ratanada) |
स्थान:- | रातानाडा पहाड़ी, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान गणेश |
निर्माण वर्ष:- | 19वीं सदी (लगभग 150-260 वर्ष पुराना) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | गणेश चतुर्थी |
गणेश मंदिर रातानाडा जोधपुर, राजस्थान में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह मंदिर अपनी भव्यता, चमत्कारी शक्तियों और जोधपुर की सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण स्थान के लिए जाना जाता है। 260 वर्षों से अधिक पुराना यह मंदिर स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है, विशेष रूप से गणेश चतुर्थी और बुधवार के दिन, जब हजारों भक्त दर्शन के लिए यहाँ आते हैं।
मंदिर रातानाडा की पहाड़ी पर स्थित है और जोधपुर की नीली नगरी में एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान रखता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, मंदिर में पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, और यह मंदिर विशेष रूप से विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए प्रथम निमंत्रण स्थल माना जाता है।
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रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple)

मंदिर का नाम:- | रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) |
मंदिर का अन्य नाम:- | नैनी जी मंदिर (Naini Ji Temple) |
स्थान:- | जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान श्रीकृष्ण (रसिक बिहारी के रूप में) |
निर्माण वर्ष:- | विक्रम संवत 1926 (लगभग 1869-1870 ईस्वी के मध्य) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | जन्माष्टमी |
रसिक बिहारी मंदिर, जिसे नैनी जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जोधपुर, राजस्थान का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, जटिल नक्काशी, और गहन धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। जोधपुर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिदृश्य में यह मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और भक्तों के साथ-साथ पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है।
मंदिर का शांत वातावरण और भगवान श्रीकृष्ण की रसिकता को दर्शाने वाली परंपराएँ इसे जोधपुर के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक बनाती हैं। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि राजस्थानी कला और वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
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प्रगट संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Temple)

मंदिर का नाम:- | प्रगट संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Temple) |
स्थान:- | लाल सागर, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | माता संतोषी |
निर्माण वर्ष:- | प्राचीन (सटीक तारीख अज्ञात, 19वीं सदी या इससे पहले माना जाता है) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | नवरात्रि |
संतोषी माता मंदिर, जोधपुर, राजस्थान में लाल सागर के तट पर स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जिसे “प्रगट संतोषी माता मंदिर” के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, प्राकृतिक सौंदर्य, और गहन धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।
यह मंदिर लाल पत्थर की पहाड़ियों, हरी-भरी हरियाली और लाल सागर झील की शांत उपस्थिति से युक्त एक सुरम्य प्राकृतिक परिदृश्य के बीच स्थित है। इस मंदिर की यह विशेष पहचान इस गहन विश्वास से उपजी है कि देवी की प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में चट्टानों से स्वाभाविक रूप से प्रकट हुई थी। यह मंदिर जोधपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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कुंज बिहारी मंदिर (Kunj Bihari Temple)

मंदिर का नाम:- | कुंज बिहारी मंदिर (Kunj Bihari Temple) |
स्थान:- | जोधपुर राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान श्रीकृष्ण (श्री कुंज बिहारी जी या श्रीनाथ जी के रूप में पूजा जाता है।) |
निर्माण वर्ष:- | 1790 (विक्रम संवत 1847) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | जन्माष्टमी, तीज |
जोधपुर शहर के हृदय में स्थित कुंज बिहारी मंदिर एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है। यह भगवान श्रीकृष्ण को उनके कुंज बिहारी स्वरूप में समर्पित है। यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला, जटिल नक्काशी, और आध्यात्मिक वातावरण के लिए जाना जाता है। कुंज बिहारी, जिसका अर्थ है “वृंदावन की हरियाली में विचरण करने वाले,” भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप और उनकी रसिकता को दर्शाता है। यह मंदिर न केवल भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि वास्तुकला प्रेमियों और पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है।
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बाबा रामदेव मंदिर मसूरिया (Baba Ramdev Temple Masuriya)

मंदिर का नाम:- | बाबा रामदेव मंदिर मसूरिया (Baba Ramdev Temple Masuriya) |
स्थान:- | मसूरिया पहाड़ी, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | बाबा रामदेव और उनके गुरु बालीनाथ |
निर्माण वर्ष:- | निश्चित वर्ष अज्ञात (वर्तमान संरचना 19वीं सदी में स्थापित) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | भाद्रपद मेला (भाद्र शुक्ल द्वितीया से दशमी), रामदेव जयंती |
बाबा रामदेव मंदिर, मसूरिया, जोधपुर, राजस्थान के एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, जो लोकदेवता बाबा रामदेव और उनके गुरु बालीनाथ को समर्पित है। मसूरिया पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक शांति, भव्य वास्तुकला, और भाद्रपद महीने में आयोजित होने वाले विशाल मेले के लिए प्रसिद्ध है। बाबा रामदेव (जिन्हें रामसा पीर या पीरों के पीर के रूप में भी जाना जाता है) को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। यह मंदिर न केवल हिंदू और मुस्लिम भक्तों के लिए एकता का प्रतीक है, बल्कि राजस्थान की समृद्ध लोक परंपराओं और सामाजिक समानता की भावना को भी दर्शाता है।
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घनश्याम मंदिर (Ghanshyam Temple)

मंदिर का नाम:- | घनश्याम मंदिर (Ghanshyam Temple) |
स्थान:- | जूनी मंडी, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान श्रीकृष्ण (घनश्याम स्वरूप) |
निर्माण वर्ष:- | विक्रम संवत 1818 (1762 ईस्वी) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | जन्माष्टमी, होली |
घनश्याम मंदिर जोधपुर राजस्थान का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण को उनके घनश्याम स्वरूप में समर्पित है। जिसे गंगश्याम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की सादगी भरी वास्तुकला और शांत वातावरण इसे भक्तों और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन बनाता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि जोधपुर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का भी हिस्सा है। विशेष रूप से जन्माष्टमी और होली जैसे त्योहारों के दौरान, मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जो भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर उत्सव मनाते हैं। वैष्णव समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है।
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पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple)

मंदिर का नाम:- | पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) |
स्थान:- | पाल रोड, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान हनुमान जी |
निर्माण वर्ष:- | 1898 ईस्वी |
मुख्य आकर्षण:- | मूंछों वाले हनुमान जी की 4.5 फीट ऊँची दक्षिणमुखी मूर्ति |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार के विशेष पूजन |
पाल बालाजी मंदिर, जोधपुर, राजस्थान का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर पाल रोड पर स्थित है और स्थानीय भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। मंदिर की अनूठी वास्तुकला और धार्मिक महत्व इसे जोधपुर की यात्रा का एक आवश्यक हिस्सा बनाते हैं। यहाँ मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से भक्तों की भीड़ उमड़ती है, और मंदिर अपनी मूंछों वाले हनुमान जी की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
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सच्चियाय माता मंदिर (ओसियां माता मंदिर)

मंदिर का नाम:- | सच्चियाय माता मंदिर (ओसियां माता मंदिर) |
स्थान:- | ओसियां, जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | सच्चियाय माता (देवी दुर्गा की अवतार) |
निर्माण वर्ष:- | 8वीं सदी |
निर्माता:- | परमार राजा उपेंद्र |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | नवरात्रि |
सच्चियाय माता मंदिर, जोधपुर जिले के ओसियां गाँव में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जो देवी दुर्गा की अवतार सच्चियाय माता (सच्चिया माता) को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, जटिल नक्काशी, और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। ओसियां गाँव, जोधपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर थार मरुस्थल में बसा है, इसे “राजस्थान का खजुराहो” भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ 8वीं से 12वीं सदी के प्राचीन मंदिरों का समूह है। सच्चियाय माता मंदिर इनमें मुख्य है, जो जैन और हिंदू दोनों धर्मों के भक्तों को आकर्षित करता है। यहाँ नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा और उत्सव आयोजित होते हैं, जो लाखों श्रद्धालुओं को खींचते हैं।
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महावीर जैन मंदिर ओसियां (Mahavira Jain Temple Osian)

मंदिर का नाम:- | महावीर जैन मंदिर ओसियां (Mahavira Jain temple Osian) |
स्थान:- | ओसियां गाँव, जोधपुर जिला, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी |
निर्माण वर्ष:- | 783 ईस्वी |
निर्माता:- | राजा वत्सराज |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | महावीर जयंती, दीपावली |
महावीर जैन मंदिर राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां गाँव में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल है, जो जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी को समर्पित है। यह मंदिर ओसवाल जैन समुदाय का एक महत्वपूर्ण तीर्थ है। 8वीं से 10वीं सदी के बीच निर्मित, यह मंदिर अपनी जटिल वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व, और धार्मिक महत्ता के लिए विश्वविख्यात है। यहाँ की मूर्तियाँ और नक्काशी जैन धर्म की समृद्ध परंपराओं को दर्शाती हैं, जो पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करती हैं। मंदिर न केवल जैन भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि इतिहास और कला प्रेमियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है।
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सूर्य मंदिर ओसियां (Sun Temple Osian)

मंदिर का नाम:- | सूर्य मंदिर ओसियां (Sun Temple Osian) |
स्थान:- | ओसियां गाँव, जोधपुर जिला, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | सूर्य देवता |
निर्माण वर्ष:- | 10वीं शताब्दी (लगभग) |
सूर्य मंदिर राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां गाँव में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जो सूर्य देवता को समर्पित है। 10वीं सदी में निर्मित, यह मंदिर अपनी जटिल वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व, और धार्मिक महत्ता के लिए विश्वविख्यात है। मंदिर में सूर्य की मूर्ति और पौराणिक दृश्यों की नक्काशी भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यहाँ की प्राकृतिक और आध्यात्मिक सुंदरता इसे एक अविस्मरणीय स्थान बनाती है।
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- उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर
- राजसमंद के प्रसिद्ध मंदिर
- डूंगरपुर के प्रसिद्ध मंदिर
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- पाली के प्रसिद्ध मंदिर
- चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध मंदिर
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- बाड़मेर के प्रसिद्ध मंदिर
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- चुरू के प्रसिद्ध मंदिर
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