काले हनुमान जी मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर के हवा महल के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है। पारंपरिक रूप से हनुमान जी की मूर्तियाँ सिंदूरी या लाल रंग की होती हैं, किंतु इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा काले रंग की है।
काले हनुमान जी मंदिर जयपुर (Kale Hanuman Ji Temple Jaipur)
| मंदिर का नाम:- | काले हनुमान जी मंदिर (Kale Hanuman Ji Temple Jaipur) |
| स्थान:- | हवा महल के निकट, जयपुर, राजस्थान |
| समर्पित देवता:- | भगवान हनुमान जी |
| निर्माण वर्ष:- | लगभग 1000 वर्ष पूर्व |
| प्रसिद्ध त्यौहार:- | हनुमान जयंती |
काले हनुमान जी मंदिर जयपुर का इतिहास
स्थानीय जनश्रुतियों के अनुसार यह मंदिर लगभग 1000 वर्ष पुराना है, जयपुर शहर की स्थापना से भी काफी पुराना है। स्थानीय लोककथाओं के अनुसार एक तपस्वी संत को स्वप्न में हनुमान जी के दर्शन हुए, जहां उन्हें चांदपोल के निकट भूमि में दबी हुई प्रतिमा का संकेत मिला था। संत ने उस जगह खुदाई कराई, तो उन्हे काले पत्थर की स्वयंभू मूर्ति मिली थी। और उस स्थान पर मंदिर की स्थापना की थी।
1000 वर्ष की प्राचीनता का यह दावा ये दर्शाता है कि हनुमान जी की यह मूर्ति राजा जय सिंह द्वारा मंदिर निर्माण से बहुत पहले से ही उस स्थान पर पूजनीय थी। जब 18वीं शताब्दी में महाराजा जय सिंह ने जयपुर शहर की स्थापना की थी, तब इस मंदिर का निर्माण करवाया गया होगा। इसी कारण जयपुर के काले हनुमान जी मंदिर के निर्माण का श्रेय व्यापक रूप से आमेर के राजा जय सिंह को दिया जाता है।
प्रतिमा के काले रंग से जुड़ी पौराणिक कथा
यह कथा सूर्य देव, शनिदेव और हनुमान जी के बीच के आध्यात्मिक संबंधों पर आधारित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, हनुमान जी ने अपने गुरु सूर्य देव को गुरु दक्षिणा देने की इच्छा व्यक्त की थी। सूर्य देव ने उनसे अपने पुत्र शनिदेव को उनके पास लाने की मांग की, क्योंकि शनिदेव उनसे वैर रखते थे। हनुमान जी ने गुरु की आज्ञा को स्वीकार किया और शनिदेव के पास पहुँचे, उनसे अपने पिता सूर्य देव के पास वापस जाने की प्रार्थना करने लगे।
जब शनिदेव ने हनुमान जी को देखा, तो वे अत्यंत क्रोधित हो गए और उन्होंने हनुमान जी पर अपनी कुदृष्टि (वक्र दृष्टि) डाल दी थी। शनि की इस प्रचंड ज्वाला के परिणामस्वरूप, हनुमान जी का संपूर्ण शरीर काला पड़ गया था। शनि की वक्र दृष्टि का हनुमान जी की दैवीय शक्ति पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा, और वे अंततः शनिदेव को मनाने में सफल रहे।
हनुमान जी की भक्ति और शक्ति से प्रसन्न होकर, शनिदेव ने उन्हें एक महत्वपूर्ण वरदान दिया। शनिदेव ने यह वरदान दिया कि जो भक्त शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करेगा, उस पर उनकी वक्र दृष्टि (साढ़े साती) का कोई असर नहीं होगा। इस प्रकार, हनुमान जी का यह विशिष्ट श्याम वर्ण स्वरूप सीधे शनि दोष के निवारण और ग्रहों के प्रतिकूल प्रभावों से सुरक्षा के साथ जुड़ गया था।
जयपुर के काले हनुमान जी मंदिर की वास्तुकला और संरचना
मंदिर की वास्तुशिल्प शैली जयपुर के राजसी मंदिरों की भव्यता को दर्शाती है। मंदिर का बाहरी हिस्सा आकर्षक राजस्थानी वास्तुकला से सुसज्जित है। मंदिर की संरचना दो मंजिला इमारत के रूप में है, जो एक भव्य महल जैसा प्रतीत होता है।
मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की काले रंग की प्रतिमा स्थापित है। जो एक ही काले पत्थर से बनी है। मूर्ति में हनुमान जी खड़ी मुद्रा में दिखाई देते हैं, उनके एक हाथ में गदा है।

काले हनुमान जी मंदिर परिसर के भीतर एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल मौजूद है, जिसे रघुनाथजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस आंतरिक मंदिर में भगवान राम, देवी सीता, लक्ष्मण और विष्णुजी के दर्शन होते हैं।
जयपुर के काले हनुमान जी मंदिर तक कैसे पहुँचें?
मंदिर का स्थान: यह मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर के हवा महल के पास स्थित है।
मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:
- हवाई मार्ग: सांगानेर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 13 से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप ऑटो, टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
- रेल मार्ग: मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 5 से 6 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: मंदिर जयपुर बस स्टैंड से लगभग 4 से 5 किलोमीटर दूर है। बस स्टैंड से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
काले हनुमान जी मंदिर जयपुर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- काले हनुमान जी का मंदिर कहां है?
काले हनुमान जी मंदिर राजस्थान के जयपुर के पुराने शहर में चांदी की टकसाल (Chandi Ki Taksal) क्षेत्र में, हवा महल रोड के पास स्थित है।
- काले हनुमान जी जयपुर किस लिए प्रसिद्ध है?
यह मंदिर सबसे अधिक इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ भगवान हनुमान जी की प्रतिमा काले रंग की है, जबकि अधिकांश मंदिरों में उनकी प्रतिमा सिंदूरी या लाल रंग की होती है। यह अद्वितीय रंग ही इस मंदिर की पहचान है। यह मंदिर विशेष रूप से नकारात्मक शक्तियों, नज़र-टोटका (Evil Eye) और प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। और जयपुर शहर का रक्षक माना जाता है, जो शहर के भीतरी भाग की सुरक्षा करते है।
