करणी माता मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जो राजस्थान के उदयपुर में दूध तलाई झील के पास माछला मगरा पहाड़ियों पर स्थित है। इस मंदिर में करणी माता की पत्थर की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर देवी करणी माता को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। यहाँ से उदयपुर शहर का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है, जो इस मंदिर की सुंदरता को और भी बढ़ा देता है।
करणी माता मंदिर उदयपुर (Karni Mata Temple Udaipur)
| मंदिर का नाम:- | करणी माता मंदिर (Karni Mata Temple) |
| मंदिर का अन्य नाम:- | श्री मंशापूर्ण करणी माता मंदिर |
| स्थान:- | माछला मगरा पहाड़ी, उदयपुर, राजस्थान |
| स्थापना वर्ष:- | 1620-1628 (महाराणा करण सिंह द्वारा) |
| समर्पित देवी:- | करणी माता |
| मुख्य आकर्षण:- | पहाड़ी से उदयपुर का सुंदर नजारा |
| मंदिर तक पहुंचने के तरीके:- | रोपवे, पैदल मार्ग |
उदयपुर के करणी माता मंदिर का इतिहास क्या है?
करणी माता मंदिर, उदयपुर का निर्माण महाराणा करण सिंह ने 1620 से 1628 के बीच करवाया था, जब वे माछला मगरा क्षेत्र में आवासीय बस्तियों का विकास कर रहे थे। शुरू में यह मंदिर अधिक प्रसिद्ध नहीं था और बहुत कम लोग यहाँ आते थे।
1997 में, जब मानसपूर्णा करणी माता विकास समिति द्वारा मंदिर के पुनर्विकास कार्य किए गए, तब से यह स्थान श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय हो गया। इसके बाद, हजारों भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आने लगे।
आज मंदिर में आसान सीढ़ियाँ, रोपवे और विश्राम स्थल बनाए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं के लिए यहाँ आना और अधिक सुविधाजनक हो गया है। यह मंदिर बीकानेर के करणी माता मंदिर से अलग है।
करणी माता मंदिर उदयपुर कैसे पहुँचे?
उदयपुर का करणी माता मंदिर शहर के केंद्र में स्थित है, जिससे यहाँ पहुँचना काफी आसान है। यह उदयपुर हवाई अड्डे से लगभग 25 किमी और उदयपुर रेलवे स्टेशन व सिटी बस डिपो से लगभग 4 किमी की दूरी पर है। श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ तक लोकल ऑटो, टैक्सी और रिक्शा की मदद से आसानी से पहुँच सकते हैं।
मंदिर तक पहुँचने के दो मुख्य रास्ते हैं:
- पहला रोपवे (केबल कार) का रास्ता, जो दूध तलाई झील से शुरू होता है। यह मात्र 5 मिनट में मंदिर तक पहुँचा देता है और यात्रा के दौरान पिछोला झील और उदयपुर शहर का खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलता है।
- दूसरा रास्ता सीढ़ियों द्वारा पैदल चढ़ाई करने का है, जो माणिक्य लाल वर्मा पार्क से शुरू होता है। यह रास्ता प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है और ट्रेकिंग पसंद करने वालों के लिए एक शानदार अनुभव देता है।
यदि आप आरामदायक यात्रा चाहते हैं, तो रोपवे सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन अगर आप रोमांच और प्रकृति के साथ यात्रा का आनंद लेना चाहते हैं, तो पैदल रास्ता चुन सकते हैं। चाहे आप किसी भी रास्ते से जाएँ, पहाड़ी की चोटी से मिलने वाला उदयपुर शहर का अद्भुत दृश्य आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देगा।
करणी माता मंदिर के दर्शन समय
करणी माता मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सुबह 4:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक खुला रहता है।
- सुबह के दर्शन: सुबह 4:30 बजे से 7:00 बजे तक
- दोपहर के दर्शन: सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक
- शाम के दर्शन: शाम 5:00 बजे से 7:30 बजे तक

करणी माता मंदिर उदयपुर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
ANS: करणी माता मंदिर, उदयपुर का निर्माण महाराणा करण सिंह ने 1620 से 1628 के बीच करवाया था, जब वे माछला मगरा क्षेत्र में आवासीय बस्तियों का विकास कर रहे थे। शुरू में यह मंदिर अधिक प्रसिद्ध नहीं था और बहुत कम लोग यहाँ आते थे। 1997 में, जब मानसपूर्णा करणी माता विकास समिति द्वारा मंदिर के पुनर्विकास कार्य किए गए, तब से यह स्थान श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय हो गया। इसके बाद, हजारों भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आने लगे।
