पाली के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से है? | Famous Temple in Pali

राजस्थान का पाली जिला केवल ऐतिहासिक महत्व के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी समृद्ध धार्मिक परंपराओं और मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। यहां हिन्दू और जैन धर्म के कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जो स्थापत्य कला, श्रद्धा और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। पाली में स्थित कई मंदिर केवल पूजा-अर्चना का केंद्र ही नहीं, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य स्रोत भी हैं।

पाली के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से है? (Famous Temple in Pali)

यहाँ पर पाली के प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिरो की लिस्ट (Pali temple list) दी गई है:

ओम बन्ना मंदिर (Om Banna Temple)

ओम बन्ना मंदिर पाली (Om Banna Temple Pali)
मंदिर का नाम:-ओम बन्ना मंदिर (Om Banna Temple)
स्थान:-चोटिला गांव, पाली-जोधपुर हाईवे, पाली जिला, राजस्थान
समर्पित देवता:-ओम सिंह राठौड़ (ओम बन्ना) और उनकी बुलेट मोटरसाइकिल
निर्माण वर्ष:-वर्ष 1988 के बाद (दुर्घटना के पश्चात)

राजस्थान की भूमि आस्था, चमत्कार और वीरता के किस्सों से भरी हुई है। पाली जिले के चोटिला गाँव में जोधपुर-पाली राजमार्ग पर स्थित ओम बन्ना मंदिर भी ऐसी ही एक असाधारण श्रद्धा का प्रतीक है। यह मंदिर किसी देवी-देवता का नहीं, बल्कि एक रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल 350cc और उसके सवार ओम सिंह राठौड़ को समर्पित है, जिन्हें लोकभाषा में ‘ओम बन्ना’ या ‘बुलेट बाबा’ कहा जाता है।

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रणकपुर जैन मंदिर (Ranakpur Jain Temple)

रणकपुर जैन मंदिर पाली (Ranakpur Jain Temple Pali)
मंदिर का नाम:-रणकपुर जैन मंदिर (Ranakpur Jain Temple)
स्थान:-रणकपुर गाँव, तहसील देसूरी, जिला पाली, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान आदिनाथ (प्रथम जैन तीर्थंकर)
निर्माण वर्ष:-15वीं शताब्दी (लगभग 1437 ई.)
निर्माणकर्ता:-जैन व्यापारी सेठ धन्ना शाह एवं राजा राणा कुंभा
मुख्य आकर्षण:-1,444 स्तंभ – प्रत्येक पर अलग नक्काशी
प्रसिद्ध त्यौहार:-महावीर जयंती, पर्युषण पर्व, कार्तिक पूर्णिमा

राजस्थान की ऐतिहासिक भूमि पर स्थित रणकपुर जैन मंदिर, भारत के सबसे सुंदर और भव्य जैन मंदिरों में से एक है। संगमरमर की नक्काशी, हजारों स्तंभों की अद्भुत संरचना और आध्यात्मिक शांति का यह स्थल जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान आदिनाथ को समर्पित है। अरावली पहाड़ियों की गोद में मगई नदी के किनारे स्थित यह मंदिर अपनी 1444 नक्काशीदार स्तंभों के लिए “स्तंभों का मंदिर” के रूप में जाना जाता है। पाली जिले के रणकपुर गाँव में स्थित यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना भी है।

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आशापुरा माता मंदिर (Aashapura Mata Mandir)

आशापुरा माता मंदिर नाडोल (Aashapura Mata Mandir Nadol)
मंदिर का नाम:-आशापुरा माता मंदिर (Aashapura Mata Mandir)
स्थान:-नाडोल, देसूरी तहसील, जिला पाली, राजस्थान
समर्पित देवता:-माँ आशापुरा (शाकम्भरी देवी का अवतार, चौहान राजवंश की कुलदेवी)
निर्माण वर्ष:-10वीं शताब्दी (945-970 ईस्वी)
निर्माता:-राव लक्ष्मण सिंह (लाखणसी चौहान)
प्रसिद्ध त्यौहार:-नवरात्रि, गरबा, भक्ति भजन, और हवन

पाली जिले के नाडोल गाँव में स्थित आशापुरा माता मंदिर ऐसा ही एक तीर्थस्थल है, जो माँ आशापुरा को समर्पित है। माँ आशापुरा, जिन्हें शाकम्भरी देवी का अवतार और चौहान राजवंश की कुलदेवी माना जाता है, भक्तों की आशाएँ पूरी करने वाली देवी के रूप में पूजी जाती हैं। अरावली पहाड़ियों की तलहटी में बसा यह मंदिर 1077 वर्षों से भी अधिक पुराना है और नवरात्रि के दौरान मेले जैसा माहौल बन जाता है, जब लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।

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सोनाणा खेतलाजी मंदिर (Sonana Khetlaji Temple)

सोनाणा खेतलाजी मंदिर पाली (Sonana Khetlaji Temple Pali)
मंदिर का नाम:-सोनाणा खेतलाजी मंदिर पाली
स्थान:-सारंगवास (नवी धाम), देसूरी तहसील, पाली जिला, राजस्थान
समर्पित देवता:-खेतलाजी (काला-गोरा भैरूजी), क्षेत्रपाल और कुल रक्षक देवता
निर्माण वर्ष:-लगभग 800 वर्ष पुराना (~10वीं शताब्दी, संवत 1000); चौहान शासन के दौरान
प्रसिद्ध त्यौहार:-चैत्र नवरात्रि मेला

पाली जिले के देसूरी तहसील में अरावली पहाड़ियों की तलहटी में बसा सोनाणा खेतलाजी मंदिर ऐसा ही एक तीर्थस्थल है, जो खेतलाजी (काला-गोरा भैरूजी) को समर्पित है। खेतलाजी को क्षेत्रपाल और कुल रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है, जो भक्तों को आंधी-तूफान, प्राकृतिक आपदाओं और बुराइयों से बचाते हैं। इस मंदिर की एक अनूठी परंपरा है कि यहाँ का प्रसाद (चूरमा भोग) मंदिर परिसर में ही खाना होता है, इसे बाहर ले जाना निषिद्ध है।

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परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple)

परशुराम महादेव मंदिर पाली (Parshuram Mahadev Temple Pali)
मंदिर का नाम:-परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple)
स्थान:-देसूरी तहसील, पाली, राजस्थान (पाली और राजसमंद जिले की सीमा पर)
समर्पित देवता:-भगवान शिव
निर्माता:-भगवान परशुराम (विष्णु का छठा अवतार) द्वारा निर्मित
प्रसिद्ध त्यौहार:-सावन मेला (श्रावण शुक्ल एकादशी)

पाली और राजसमंद जिले की सीमा पर अरावली पर्वतमाला की गोद में स्थित परशुराम महादेव मंदिर ऐसा ही एक तीर्थस्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह प्राचीन गुफा मंदिर भगवान परशुराम, विष्णु के छठे अवतार, द्वारा निर्मित माना जाता है और इसे “मेवाड़ का अमरनाथ” कहा जाता है। 3600-4000 फीट की ऊँचाई पर बने इस मंदिर तक 500 सीढ़ियों की चढ़ाई और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा रास्ता श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। स्वयंभू शिवलिंग, गोमुख से प्राकृतिक जलाभिषेक, और सावन का जीवंत मेला इस मंदिर को विशेष बनाते हैं।

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निम्बो का नाथ महादेव मंदिर (Nimbo Ka Nath Mahadev Temple)

निम्बो का नाथ महादेव मंदिर पाली (Nimbo Ka Nath Mahadev Temple Pali)
मंदिर का नाम:-निम्बो का नाथ महादेव मंदिर (Nimbo Ka Nath Mahadev Temple)
स्थान:-फालना-साण्डेराव मार्ग, पाली, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान शिव
निर्माण वर्ष:-प्राचीन मंदिर
प्रसिद्ध त्यौहार:-महाशिवरात्रि, श्रावण मास

पाली जिले में फालना और साण्डेराव के बीच अरावली की तलहटी में स्थित निम्बो का नाथ महादेव मंदिर ऐसा ही एक तीर्थस्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इसे निम्बेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जिसका नामकरण स्थानीय भक्त निम्बाराम रेबारी के नाम पर हुआ था, जिन्हें भगवान शिव के दर्शन हुए थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों की माता कुंती ने निर्वासन के दौरान यहाँ शिव की पूजा की थी, जिससे मंदिर का महत्व और बढ़ता है।

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श्री हथुंडी तीर्थ (राता महावीरजी) [Shri Hathundi Teerth (Rata Mahavirji)]

श्री हथुंडी तीर्थ (राता महावीरजी) पाली [Shri Hathundi Teerth (Rata Mahavirji) Pali]
मंदिर का नाम:-श्री हथुंडी तीर्थ (राता महावीरजी)
स्थान:-बीजापुर गाँव, पाली ज़िला, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान महावीर स्वामी (राता महावीरजी)
धर्म:-जैन धर्म (श्वेतांबर संप्रदाय)
निर्माण वर्ष:-313 ई. (विक्रम संवत 370) (लगभग)
प्रसिद्ध त्यौहार:-महावीर जयंती, पर्युषण

श्री हथुंडी तीर्थ, जिसे राता महावीरजी के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के पाली जिले के बीजापुर गांव में स्थित जैन धर्म का एक प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थल है। यह मंदिर भगवान महावीर, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर को समर्पित है और 4वीं शताब्दी में स्थापित 135 सेंटीमीटर ऊँची, लाल रंग की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। हरे-भरे पहाड़ों के बीच बसा यह तीर्थ अपनी शांति, आध्यात्मिकता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।

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मुच्छल महावीर मंदिर (Muchchal Mahavir Temple)

मुच्छल महावीर मंदिर पाली (Muchchal Mahavir Temple Pali)
मंदिर का नाम:-मुच्छल महावीर मंदिर (Muchchal Mahavir Temple)
स्थान:-घाणेराव, पाली जिला, राजस्थान (कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के पास, सूकी नदी के किनारे)
समर्पित देवता:-भगवान महावीर (24वें जैन तीर्थंकर)
निर्माण वर्ष:-10वीं-11वीं सदी
मुख्य आकर्षण:-भगवान महावीर की मूंछों वाली दुर्लभ मूर्ति
प्रसिद्ध त्यौहार:-महावीर जयंती, पर्युषण

मुच्छल महावीर मंदिर, राजस्थान के पाली जिले के घाणेराव गांव में स्थित एक प्राचीन जैन तीर्थ स्थल है, जो भगवान महावीर, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर को समर्पित है। यह मंदिर अपनी विशेषता के लिए विश्वविख्यात है – यहाँ स्थापित भगवान महावीर की मूर्ति मूंछों और दाढ़ी से सुशोभित है, जो भारत में एकमात्र ऐसी मूर्ति है। कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य और अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा यह मंदिर सूकी नदी के किनारे अपनी शांति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है।

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सूर्य नारायण मंदिर (Surya Narayan Temple)

सूर्य नारायण मंदिर पाली (Surya Narayan Temple Pali)
मंदिर का नाम:-सूर्य नारायण मंदिर (Surya Narayan Temple)
स्थान:-रणकपुर, पाली, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान सूर्य
निर्माण वर्ष:-13वीं शताब्दी (अनुमानित)
प्रसिद्ध त्यौहार:-मकर संक्रांति, सूर्य सप्तमी

पाली जिले के रणकपुर में स्थित सूर्य नारायण मंदिर, जिसे सन टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है, भगवान सूर्य को समर्पित एक ऐसा ही ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल है। 13वीं सदी में निर्मित और 15वीं सदी में पुनर्निर्मित, यह मंदिर अपनी नागर शैली की वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए विख्यात है। रणकपुर जैन मंदिर के निकट होने के कारण यह पर्यटकों और भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।

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सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple)

सोमनाथ मंदिर पाली (Somnath Temple Pali)
मंदिर का नाम:-सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple)
स्थान:-पाली शहर, राजस्थान (शहर के मध्य में)
समर्पित देवता:-भगवान शिव
निर्माण वर्ष:-9वीं सदी
ऐतिहासिक महत्व:-1121 वर्ष पुराना, 221 वर्षों से जल रही अखंड ज्योत
प्रसिद्ध त्यौहार:-महाशिवरात्रि, सावन मास

पाली शहर में स्थित सोमनाथ महादेव मंदिर शिव भक्ति का एक ऐसा ऐतिहासिक केंद्र है, जो 1121 वर्षों से आध्यात्मिकता और श्रद्धा का प्रतीक बना हुआ है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर न केवल अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि 221 वर्षों से निर्बाध रूप से जल रही अखंड ज्योत के चमत्कार के लिए भी जाना जाता है। मंदिर का संबंध गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से माना जाता है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। पाली के मध्य में स्थित यह मंदिर स्थानीय भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

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