रसिक बिहारी मंदिर, जिसे नैनी जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जोधपुर, राजस्थान का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, जटिल नक्काशी, और गहन धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। जोधपुर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिदृश्य में यह मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और भक्तों के साथ-साथ पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है।
मंदिर का शांत वातावरण और भगवान श्रीकृष्ण की रसिकता को दर्शाने वाली परंपराएँ इसे जोधपुर के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक बनाती हैं। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि राजस्थानी कला और वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
रसिक बिहारी मंदिर जोधपुर (Rasik Bihari Temple Jodhpur)
मंदिर का नाम:- | रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) |
मंदिर का अन्य नाम:- | नैनी जी मंदिर (Naini Ji Temple) |
स्थान:- | जोधपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान श्रीकृष्ण (रसिक बिहारी के रूप में) |
निर्माण वर्ष:- | विक्रम संवत 1926 (लगभग 1869-1870 ईस्वी के मध्य) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | जन्माष्टमी |
रसिक बिहारी मंदिर जोधपुर का इतिहास
रसिक बिहारी मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 1926 में महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की पासवान नैनी बाई, जिन्हें नन्हीं भगतन के नाम से भी जाना जाता है, ने करवाया था। मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 1926 में हुआ था, यानी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह निर्माण लगभग 1869-1870 ईस्वी के मध्य में आता है। यह मंदिर को 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध का एक महत्वपूर्ण स्थापत्य उदाहरण बनाता है।
कुछ स्रोतों के अनुसार, महाराजा जसवंत सिंह (द्वितीय) ने अपनी प्रेयसी नन्हीं भगतन की इच्छा पर इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यह विवरण नैनी बाई के प्रभाव और महाराजा के साथ उनके विशेष संबंध को रेखांकित करता है। नैनी बाई एक नृत्यांगना और रूपसी थीं, जिन्हें महाराजा ने औपचारिक रूप से ‘पासवान’ का दर्जा नहीं दिया था, फिर भी उन्हें जीवन भर सभी राजसी सुख-सुविधाओं से वंचित नहीं रखा गया।
रसिक बिहारी मंदिर जोधपुर की वास्तुकला और संरचना
रसिक बिहारी मंदिर 17 फीट ऊंचे आयताकार चबूतरे पर स्थित है, जो इसे एक भव्य और प्रभावशाली रूप देता है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर किया गया है, और मंदिर का मुख्य गर्भगृह सफेद पत्थर (संगमरमर) से बना है। मंदिर का मुख्य द्वार, तोरण द्वार, कंगूरे, मेहराब और कलात्मक छतरियां तत्कालीन अनुपम वास्तु कौशल को दर्शाती हैं। इसे राजस्थानी शैली का एक बेजोड़ नमूना माना जाता है।
मंदिर में छप्पन स्तंभों से बना गर्भगृह और परिक्रमा परिसर है। मंदिर में रसिक बिहारी जी के रूप में भगवान श्री कृष्ण और राधारानी जी की मूर्तियाँ विराजमान हैं। इसके अतिरिक्त, मंदिर के प्रवेश द्वार में भगवान विष्णु, गरुड़ और हनुमान जी की आकर्षक मूर्तियाँ हैं, साथ ही गणेश जी की मूर्ति भी स्थित है। मंदिर में रथ पर सवार सूर्यदेव, राम लक्ष्मण और एक शिवालय (झारखंड महादेव मंदिर) भी हैं।

मंदिर परिसर में संगमरमर से बनी एक विशालकाय नंदी की मूर्ति भी प्रतिष्ठित है, जो जोधपुर के दूसरे शिव मंदिरों में स्थापित नंदियों से बहुत बड़ी है। यह 1885 ई. में राजा जसवंत सिंह ने इस मंदिर में रखने के लिए संगमरमर से बनी भगवान नंदी की एक मूर्ति भेंट की थी।
मंदिर का डिज़ाइन और संरचना इसके शांत और आध्यात्मिक वातावरण को बढ़ावा देती है, जो भक्तों को गहरी शांति प्रदान करती है। मंदिर का आंगन और प्रार्थना हॉल भक्तों को सामूहिक पूजा और उत्सवों के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करते हैं। यह डिज़ाइन मंदिर को एक सामुदायिक और आध्यात्मिक स्थल बनाता है, जो स्थानीय समुदाय और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
रसिक बिहारी मंदिर जोधपुर का धार्मिक महत्व
रसिक बिहारी मंदिर मुख्य रूप से भगवान श्री कृष्ण और उनकी आध्यात्मिक प्रियतमा राधा रानी जी को समर्पित है। यह जोधपुर शहर के प्रमुख व सुप्रसिद्ध वैष्णव मंदिरों में से एक है, जो वैष्णव संप्रदाय के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यह मंदिर आज हजारों/लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
मंदिर में वर्ष भर कई प्रमुख उत्सव मनाए जाते हैं, जिनमें जन्माष्टमी (भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव), अन्नकूट (गोवर्धन पूजा के बाद अन्न का भोग), और श्रावण मास (बारिश का महीना) के अवसर पर झूलन उत्सव का आयोजन प्रमुख है।
रसिक बिहारी मंदिर जोधपुर तक कैसे पहुँचें?
मंदिर का पता: रसिक बिहारी मंदिर राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित है।
मंदिर तक पहुंचने के विकल्प इस प्रकार है:
- हवाई मार्ग: जोधपुर हवाई अड्डा (Jodhpur Airport) मंदिर से लगभग 5 से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यात्री एयरपोर्ट से ऑटोरिक्शा, टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन से मंदिर तक पहुंच सकते है।
- रेल मार्ग: जोधपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर दूर है। यात्री रेलवे स्टेशन से ऑटो रिक्शा, टेक्सी या पैदल चलकर मंदिर तक पहुंच सकते है।
- सड़क मार्ग: जोधपुर शहर अच्छी तरह से सड़क नेटवर्क से जुड़ा है, और निजी टैक्सी, बस, या अन्य सड़क परिवहन सेवाएँ आसानी से उपलब्ध हैं।