सूर्य मंदिर जयपुर: ऐतिहासिक परिचय, स्थापत्य कला और सम्पूर्ण यात्रा गाइड

सूर्य मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर की गलता हिल्स की ऊंची चोटी पर स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित है। 18वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर गलताजी मंदिर परिसर का एक हिस्सा है।

सूर्य मंदिर जयपुर (Sun Temple Jaipur)

मंदिर का नाम:-सूर्य मंदिर जयपुर (Sun Temple Jaipur)
स्थान:-गलता हिल्स, जयपुर, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान सूर्य देव
निर्माण वर्ष:-1734 ईस्वी
प्रसिद्ध त्यौहार:-छठ पूजा, मकर संक्रांति, कार्तिक पूर्णिमा

सूर्य मंदिर जयपुर का इतिहास

सूर्य मंदिर का इतिहास जयपुर के राजपूत शासकों की भक्ति और वैज्ञानिक दृष्टि से जुड़ा है। 1734 ईस्वी में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के शासनकाल में, उनके विश्वसनीय मंत्री दीवान राव कृपाराम ने इसका निर्माण करवाया था। जय सिंह द्वितीय स्वयं एक ज्योतिषी और विद्वान थे, जिन्होंने जयपुर शहर की योजना स्थापत्य वेद (प्राचीन भारतीय वास्तुशास्त्र) पर आधारित की थी।

सूर्य मंदिर जयपुर की वास्तुकला और संरचना

सूर्य मंदिर का निर्माण गलता पहाड़ी पर एक उभरे हुए चबूतरे पर किया गया है। मंदिर मुख्य रूप से पत्थर और चूने से निर्मित है। इसमें लाल बलुआ पत्थर का उपयोग मजबूत आधार देने के लिए किया गया है, जबकि सफेद संगमरमर की नक्काशी मंदिर को भव्यता और दिव्य शांति प्रदान करती है। इसकी बाहरी दीवारें एक छोटी किलेबंदी की तरह मजबूत बनाई गई हैं, और प्रवेश द्वार एक शाही हवेली के समान भव्यता प्रदर्शित करता है।

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वास्तुकारों ने इसे इस प्रकार संरेखित किया कि सूर्य की पहली किरण (सूर्योदय पर) और अंतिम किरण (सूर्यास्त पर) सीधे गर्भगृह में स्थापित विग्रह पर 90 डिग्री के कोण पर पड़ती है। यह सटीक संरेखण सूर्य की ऊर्जा और ऊष्मा को विग्रह पर केंद्रित करने के वैदिक दृष्टिकोण को साकार करता है, जिससे यह स्थल अत्यधिक पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है।

इस मंदिर में सूर्य भगवान और उनकी पत्नी रेणुका की मूर्ति स्थापित है। वहीं दूसरी मूर्ति में सूर्य भगवान झूले पर विराजमान हैं। मंदिर के स्थापना के समय गर्भगृह में भगवान सूर्य की एक अत्यंत दुर्लभ और मूल्यवान मूर्ति स्थापित की गई थी। यह मूल मूर्ति 8 इंच ऊँची और अष्टधातु से निर्मित थी। वर्ष 1979 में अज्ञात लोगों ने पुजारी को चकमा देकर इस दुर्लभ प्रतिमा को चुरा लिया था।

सूर्य मंदिर जयपुर तक कैसे पहुँचें?

मंदिर का स्थान: यह मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर के गलता हिल्स की ऊंची चोटी पर स्थित है।

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मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:

  • हवाई मार्ग: सांगानेर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सूर्य मंदिर से लगभग 19 से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप ऑटो, टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  • रेल मार्ग: मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन सूर्य मंदिर से लगभग 7 से 8 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: मंदिर जयपुर बस स्टैंड से लगभग 6 किलोमीटर दूर है। बस स्टैंड से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।

जयपुर के सूर्य मंदिर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

  1. जयपुर में सूर्य मंदिर कहां पर है?

    जयपुर में सूर्य मंदिर गलता हिल्स की ऊंची चोटी पर स्थित है।

  2. जयपुर के सूर्य मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?

    जयपुर के सूर्य मंदिर का निर्माण 1734 ईस्वी में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के शासनकाल में, उनके विश्वसनीय मंत्री दीवान राव कृपाराम ने करवाया था।

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