उदयपुर, जिसे “झीलों का शहर” और “पूर्व का वेनिस” कहा जाता है, राजस्थान का एक खूबसूरत शहर है। यह न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के ऐतिहासिक, प्राचीन और धार्मिक मंदिर भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। ये मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी प्रतीक हैं। यहाँ की वास्तुकला और परंपराएँ मेवाड़ की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं। उदयपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं, जो न केवल श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से है? (Famous Temple in Udaipur)
यहाँ पर उदयपुर के प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिरो की लिस्ट (Udaipur temple list) दी गई है:
जगदीश मंदिर (Jagdish Temple)

मंदिर का नाम:- | जगदीश मंदिर (Jagdish Temple) |
स्थान:- | उदयपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान विष्णु |
निर्माण वर्ष:- | 1651 |
निर्माता:- | महाराणा जगत सिंह प्रथम |
जगदीश मंदिर उदयपुर के पुराने शहर में सिटी पैलेस के पास स्थित है। इसका निर्माण 1651 में महाराणा जगत सिंह ने करवाया था। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यहाँ उनकी काले पत्थर की प्रभावशाली मूर्ति स्थापित है। मंदिर की इंडो-आर्यन वास्तुकला, ऊँचा शिखर और नक्काशीदार स्तंभ इसे विशेष बनाते हैं। यह उदयपुर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
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नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple)

मंदिर का नाम:- | नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) |
स्थान:- | फतेह सागर झील के किनारे, देवाली क्षेत्र, उदयपुर |
प्रमुख देवी:- | नीमच माता देवी |
नीमच माता मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है, जो फतेह सागर झील के पास है। यह मंदिर देवी दुर्गा के रूप नीमच माता को समर्पित है और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार प्राचीन है। मंदिर तक 900 सीढ़ियाँ चढ़कर पहुँचना पड़ता है, जो एक चुनौतीपूर्ण लेकिन आध्यात्मिक अनुभव है। मंदिर तक पहुँचने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। ऊपर से उदयपुर शहर और अरावली पहाड़ियों का दृश्य देखने लायक होता है।
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करणी माता मंदिर उदयपुर (Mansapurna Karni Mata Temple)

मंदिर का नाम:- | श्री मंशापूर्ण करणी माता मंदिर |
स्थान:- | माछला मगरा पहाड़ी, उदयपुर, राजस्थान |
स्थापना वर्ष:- | 1620-1628 (महाराणा करण सिंह द्वारा) |
समर्पित देवी:- | करणी माता |
मुख्य आकर्षण:- | पहाड़ी से उदयपुर का सुंदर नजारा |
दूध तलाई झील के पास माछला मगरा पहाड़ियों पर स्थित श्री मंशापूर्ण करणी माता मंदिर उदयपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इसका निर्माण महाराणा कर्ण सिंह (1621-1628) के शासनकाल में हुआ था। इस मंदिर में करणी माता की पत्थर की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर देवी करणी माता को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। यहाँ से उदयपुर शहर का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है, जो इस मंदिर की सुंदरता को और भी बढ़ा देता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है।
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बोहरा गणेश जी मंदिर (Bohra Ganesh Tample)

मंदिर का नाम:- | बोहरा गणेश जी |
स्थान:- | उदयपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान गणेश जी |
निर्माण वर्ष:- | सटीक वर्ष ज्ञात नहीं (यह एक प्राचीन मंदिर है) |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | गणेश चतुर्थी |
बोहरा गणेश जी मंदिर भगवान गणेश को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर बोहरा गणेश रोड, गणपति नगर में है, जो मोहनलाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी के पास है। यह मंदिर लगभग 350 साल पुराना है। यह उदयपुर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
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महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple)

मंदिर का नाम:- | महाकालेश्वर मंदिर |
स्थान:- | उदयपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान शिव (महाकाल) |
निर्माण वर्ष:- | लगभग 900 वर्ष पुराना |
मुख्य आकर्षण:- | काले पत्थर से निर्मित शिवलिंग, रुद्राभिषेक आरती |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | महाशिवरात्रि, सावन मास |
फतेह सागर झील के किनारे स्थित महाकालेश्वर मंदिर 900 साल से अधिक पुराना है। यह भगवान शिव को समर्पित है और गुरु गोरखनाथ से इसका संबंध माना जाता है। यहाँ काले पत्थर का शिवलिंग स्थापित है, जिसकी रुद्राभिषेक आरती भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। मंदिर का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता इसे ध्यान और पूजा के लिए आदर्श बनाती है। यह स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
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एकलिंगजी मंदिर उदयपुर (Eklingji Temple)

मंदिर का नाम:- | एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple) |
स्थान:- | कैलाश पुरी, उदयपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान शिव |
निर्माण काल:- | 8वीं शताब्दी |
निर्माता:- | बप्पा रावल |
प्रसिद्धि:- | मेवाड़ राजवंश के कुलदेवता के रूप |
एकलिंगजी मंदिर उदयपुर से 22 किलोमीटर दूर कैलाशपुरी गाँव में स्थित भगवान शिव का एक प्राचीन और पवित्र हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर न केवल अपनी धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि मेवाड़ के शासकों के इतिहास से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि एकलिंगजी मेवाड़ के असली शासक (कुल देवता) हैं और शाही राजवंश के महाराणा उनके दीवान (मंत्री) के रूप में शासन करते हैं। इसका इतिहास 1200 साल से अधिक पुराना है, जो इसे राजस्थान के सबसे प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक बनाता है। मंदिर परिसर में 108 छोटे मंदिर हैं, जो संगमरमर और ग्रेनाइट से बने हैं।
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गुप्तेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर (Gupteshwar Mahadev Temple)

मंदिर का नाम:- | गुप्तेश्वर महादेव मंदिर (Gupteshwar Mahadev Temple) |
स्थान:- | तितरड़ी, उदयपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | भगवान शिव |
प्रसिद्ध त्यौहार:- | महाशिवरात्रि |
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर का एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है, यह प्राकृतिक गुफा में बना है और इसे “मेवाड़ का अमरनाथ” भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और गहरी गुफाओं में स्थित होने के कारण इसे ‘गुप्तेश्वर’ नाम दिया गया है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर सदियों पुराना है और यहां की गुफाओं में भगवान शिव का वास है।
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सहस्रबाहु मंदिर (सास-बहू मंदिर), उदयपुर [Sahastra Bahu (Sas Bahu Temple) Temple]
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मंदिर का नाम:- | सहस्रबाहु मंदिर (सास-बहू मंदिर) |
स्थान:- | नागदा, उदयपुर, राजस्थान |
समर्पित देवता:- | बड़ा मंदिर भगवान विष्णु को छोटा मंदिर भगवान शिव को |
निर्माण काल:- | 10वीं-11वीं शताब्दी |
निर्माता:- | राजा महिपाल (कच्छवाहा वंश) |
प्रसिद्धि:- | सास-बहू मंदिर के रूप में प्रसिद्ध |
सहस्रबाहु मंदिर, जिसे आमतौर पर ‘सास-बहू मंदिर’ के नाम से जाना जाता है। राजस्थान के उदयपुर जिले के नागदा गाँव में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह 10वीं सदी का मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और अपनी खूबसूरत नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजस्थान की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
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