अक्षरधाम मंदिर जयपुर: इतिहास, वास्तुकला, संरचना और मंदिर तक पहुंचने की जानकारी

अक्षरधाम मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर के वैशाली नगर में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। अक्षरधाम मंदिर अपनी शानदार नक्काशी, मूर्तिकला, और बेशकीमती मूर्तियों के कारण जाना जाता है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की वास्तविक झलक प्रस्तुत करता है।

अक्षरधाम मंदिर जयपुर (Akshardham Temple Jaipur)

मंदिर का नाम:-अक्षरधाम मंदिर जयपुर (Akshardham Temple Jaipur)
स्थान:-वैशाली नगर, जयपुर, राजस्थान
समर्पित देवता:-भगवान स्वामीनारायण (भगवान विष्णु का अवतार)
निर्माण वर्ष:-2012 (प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा उद्घाटन)
निर्माणकर्ता:-बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (BAPS)
प्रसिद्ध त्यौहार:-दीवाली, होली, जन्माष्टमी, नवरात्रि, स्वामिनारायण जयंती

अक्षरधाम मंदिर जयपुर का इतिहास

जयपुर अक्षरधाम मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा किया गया था, जिसका उद्घाटन वर्ष 2012 में हुआ था।

अक्षरधाम मंदिर जयपुर की वास्तुकला और संरचना

अक्षरधाम की वास्तुकला वास्तु शास्त्र और पांचरात्र शास्त्र पर आधारित है, जो प्राचीन हिंदू सिद्धांतों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ती है। मंदिर के निर्माण में मुख्य रूप से राजस्थानी गुलाबी बलुआ पत्थर (Pink Sandstone) और सफेद संगमरमर (White Marble) का उपयोग किया गया है। गुलाबी पत्थर का चयन ‘पिंक सिटी’ जयपुर की स्थानीय विरासत और सौंदर्य को दर्शाता है। यह मंदिर 30 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और इसकी ऊँचाई 141 फीट है।

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मंदिर में कई गुंबद और शिखर बने हुए हैं, जो साधुओं, आचार्यों और देवताओं की प्रतिमाओं से सुसज्जित हैं। मंदिर की दीवारें, स्तंभ और छतें अद्वितीय नक्काशी और मूर्तियों से सजाई गई हैं। अक्षरधाम मंदिर का केंद्र बिंदु इसका मुख्य गर्भगृह है, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। गर्भगृह में भगवान स्वामीनारायण की एक सुंदर, आभूषणों से सुसज्जित मूर्ति स्थापित है।

मंदिर परिसर में एक विशिष्ट उद्यान भी है, जिसे ‘नीलकंठ कल्याण यात्रा’ के नाम से जाना जाता है। यह उद्यान मूर्तियों और दृश्यों के माध्यम से भगवान स्वामीनारायण की 11 वर्ष की आयु में भारत भर की तीर्थयात्रा (नीलकंठ वर्णी के रूप में) को पुनर्जीवित करता है। मंदिर में एक सहजानंद दर्शन हॉल भी है जिसमें सजीव रोबोट जैसी आकृतियाँ और डायोरमा प्रदर्शित हैं जो स्वामीनारायण के जीवन और शिक्षाओं को दर्शाते हैं।

मंदिर में एक संगीतमय फव्वारा या सत्-चित्-आनंद जल शो भी है जो जल, प्रकाश, ध्वनि और संगीत का एक अद्भुत प्रदर्शन प्रस्तुत करता है जो हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान के अनुसार ब्रह्मांड की रचना को दर्शाता है।

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अक्षरधाम मंदिर जयपुर तक कैसे पहुँचें?

मंदिर का स्थान: अक्षरधाम मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर के वैशाली नगर में स्थित है।

मंदिर तक पहुंचने का विकल्प इस प्रकार है:

  • हवाई मार्ग: सांगानेर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 14 से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप ऑटो, टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  • रेल मार्ग: मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 6 से 8 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: मंदिर जयपुर बस स्टैंड से लगभग 8 से 10 किलोमीटर दूर है। बस स्टैंड से आप ऑटो, टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
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